@ashok-kumar-bhatnagar

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लेखक  अशोक कुमार भटनागर  भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय  के आधीन रक्षा लेखा बिभाग  में बरिष्ट लेखाधिकारी थे और ३० जून २०१९ को सेबा निर्बत हुए हैं |आपने हिन्दू कॉलेज मुरादाबाद  से मैथमैटिक्स  में एम एस सी किया हैं | आप अपने कॉलेज के दिनों में न्यूज़ पेपर और पत्रिकाओं  में लिखते थे | सेबा निर्बती  के... Read more

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एकाग्रता, निरंतरता और दृढ़ता सफलता का मूलमंत्र हैं !

भगवान समदर्शी हैं, सबके लिए एक समान है।सर्वत्र उनकी कृपा वृष्टि हो रही है !

आनंद कोई दुर्लभ चीज नहीं है। यह कोई उपलब्धि नहीं है। यह आपके जीवन का स्वाभाविक गुण होना चाहिए। जब आप आनंदित होते हैं, तो आपका पूरा जीवन एक जश्न होता है।

त्रुटि करना मानवीय है और क्षमा करना ईश्वरीय।  

क्षमावानों के लिए यह लोक है। क्षमावानों के लिए ही परलोक है। क्षमाशील पुरुष इस जगत में सम्मान और परलोक में उत्तम गति पाते हैं।  

वक्त चाहे कितना भी अंधकारमय क्यों ना लगे, बस प्रेम और उम्मीद हमेशा जिन्दा रखे।

ज्ञान एक शक्ति है, लेकिन शक्ति से ज्ञान नहीं आता है। ज्ञान “अनुभव या अध्ययन से प्राप्त कि जा सकने वाली वस्तु है।

यह चमत्कार केवल “विश्वास” ही कर सकता हैं, जो पत्थर को भी “भगवान” कर सकता हैं.

सुसंगतता एक ऐसी स्थिति है जिसमें सभी भाग या विचार एक साथ अच्छी तरह से फिट होते हैं ताकि वे एक संयुक्त पूरे का निर्माण कर सकें। एंथोलॉजी में सुसंगतता की आश्चर्यजनक भावना है।


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