मेरे हाल पे तालियां न बजा सागर,
मौसम बदले न बदले,
वक़्त बदलते देर नहीं लगती!
तुझे सोचा तो वो मुकाम याद आया,
आईना देखा तो दश्त-ऐ-तूफान याद आया,
एहतियाद-ऐ-यार टुटा, लहू छलका आँखों से,
मर ही जाता सागर की मेहकशी-ओ-जाम याद आया!
उनके नूर-ओ-हुस्न के कायल हैं हम,
मोहब्बत करते है उनसे,
मोहब्बत में मोहब्बत से घायल हैं हम !
तेरा दूर रहना ही नहीं है ख़ामोशी की वजह,
तेरा आस पास होना भी उदास कर देता है मुझे!
चिरागो से दोस्ती कुछ लम्हों की है रोशनी की
अंधेरे ही फक़त साथ देते ही मुद्दतों तक..
Nitish
Interpretation of good and bad is vague. We judge people on the basis of preconceptions and our belief system..
Nitish
Water in troubled state can not reflect a clear picture.. same goes with our mind..
Nitish
You tend to like what is yours, unless a comparison is drawn..