साथ निभाए इतने साल, किया नहीं मुश्किलों का ख्याल। एक और वर्ष गया है बीत, हुई है इस रिश्ते की मुश्किलों पर जीत। इसी बात की बधाई देते हैं सब, मुश्किलें हट जाएँ ज़्यादा हों या थोड़ी। पवित्र समबन्ध का प्रतीक है यह रिश्ता, जैसे हो शिव-पार्वती की जोड़ी।
साथ निभाए इतने साल, किया नहीं मुश्किलों का ख्याल। एक और वर्ष गया है बीत, हुई है इस रिश्ते की मुश्किलों पर जीत। इसी बात की बधाई देते हैं सब, मुश्किलें हट जाएँ ज़्यादा हों या थोड़ी। पवित्र समबन्ध का प्रतीक है यह रिश्ता, जैसे हो शिव-पार्वती की जोड़ी।
जब जब संसार करेगा मुझे सलाम, तब तब मुझे याद आएगा आपका नाम। मैं सदैव करूँगी आपका सम्मान, क्यूँकि आपने ही बनाया है मुझे महान।
हार को जीत में बदल सकती है कमज़ोरी को ताकत में तब्दील कर सकती है जो कर सकती है एक नवीन कार्य की खोज वहीं कहलाती है सोच।