दीपमालाओं की रोशनी से ,
जगमगा उठे जीवन दर्पण।
नव आशाओं से पल्लवित ,
हो सभी के हृदय कमल।
खुशियां फैले हर घर, हर आंँगन,
रंगोली सा सुंदर सभी का आभामंडल।
मिठास घुले हर रिश्ते में,
स्वस्थ ,खुशहाल रहे सभी के जीवन।
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ऐ बला के खूबसूरत चांँद
तुझे निहारू
या तुझ पर शायरी लिख डालूँ
तेरी चांदनी में खुद को भीगो लूँ
या तुझे इस नभ से चुरो लूँ
बना लूं मैं तुझको अपना साथी
शरद पूर्णिमा के चांँद
बस मैं तुझे निहारू
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