सूर्यास्त चिर सत्य है, यौवन के ग्रीष्म पहर संध्या होते क्षीण होकर यही समाप्त हो जाते हैं.
और रह जाती है दिन भर की यादें
ऐसा सुना है कि सच्चाई जीतती है, परंतु जो जीतता है वह ही सच होता है
पैसा सच्चा, रिश्ता झूठा.
नहीं फिर क्यों
तिलक पहले, शादी बाद में
बच्चों का दिल साफ (दोष मुक्त) रहता है और बड़ों का दिल साफ (गायब) रहता है.
बच्चे है इसलिए सब भूल फिर साथ खेलने आ जाते हैं. बड़े होते तो खेल में भी सब याद रखते.
सच्ची खुशी तो बच्चों की या बच्चों जैसे होती है बड़े तो खुशी का दिखावा ही करते हैं
शिव शक्ति के बिना शव मात्र है.
असफलता जरूर सिद्ध करती है कि प्रयास पूरे मन से नहीं किया गया. परंतु सफलता भी यह सिद्ध नहीं करती कि प्रयास पूरे मन से किया गया.