सिनेमा ने बदल दिए हमारे ख्याल। हर उम्र के अब हो रहे हैं मालामाल।। चलचित्र तो है सच में बहुत कमाल। हम सभी मिला रहे हैं ताल से ताल।। डॉ. ऋचा शर्मा (10/08/2020)
सिनेमा ने बनाया सबको दिवाना। फ़िल्म जगत् से नहीं कोई अंजाना।। चलचित्र का ज़माना सदियों पुराना। मित्रों! शीघ्र ही सिनेमा होकर आना।। डॉ. ऋचा शर्मा (10/08/2020)
पुस्तक पढ़ना हमारे मन को खूब भाता है। यही तो हमें अक्षर-ज्ञान सिखलाता है।। प्रत्येक कर्मठ का किताबों से गहरा नाता है। गागर में सागर भरने की कला बतलाता है।। डॉ. ऋचा शर्मा (09/08/2020)
पुस्तक है हम सबका सच्चा साथी। जैसे संग होती है दीया और बाती।। ज्ञानवान को मिलती है ख्याति। पुस्तक ही सफलता दिलाती।। डॉ. ऋचा शर्मा (09/08/2020)
किताब ही दिलाती है जीवन में खिताब। ज्ञान होने पर ही रख पाते हैं हम हिसाब।। ज्ञानवान सभी के साथ रखते हैं सही बर्ताव। कोई भी किताब पढ़ने का मुझे है बहुत चाव।। डॉ. ऋचा शर्मा (09/08/2020)
किताब ही दिलाती है जीवन में खिताब। ज्ञान होने पर ही रख पाते हैं हम हिसाब।। ज्ञानवान सभी के साथ रखते हैं बर्ताव। कोई भी किताब पढ़ने का मुझे है चाव।। डॉ. ऋचा शर्मा (09/08/2020)
लॉक डाऊन में ही आ पाए हैं हम अपनों के करीब। परमात्मा ने रची इस वर्ष ये आखिर कैसी तरकीब।। जनता का आपसी व्यवहार हो चला था बड़ा अजीब। लॉक डाऊन में ही फिर से देखने को मिली तहज़ीब।। डॉ. ऋचा शर्मा (07/08/2020)
लॉक डाऊन ने इस साल कमाल कर दिखाया। हर सदस्य को इकदूजे से बड़े प्रेम से मिलाया।। आनंद से मिल बैठ कर सभी ने पकवान खाया। व्यस्त जीवन को लॉक डाऊन करीब लेआया।। डॉ. ऋचा शर्मा (07/08/2020)