अपना है तो दुःख है
जो जब चाहे गले लग जाता है
मुस्कान नहीं वो जो अपनो
को ही गले लगाती है।
माँ मेरी परिभाषा तुमसे
मेरे जीवन की जिज्ञासा तुमसे...
स्पर्श तुम्हीं संघर्ष तुम्हीं
मेरी ममता का भी अर्श तुम्हीं..
तुम हो तो मैं हूं शायद
तुम ना हो तो मैं
भी नहीं...