तुम में और मुझ में फर्क हमारी इल्म का है
धैर्य रख दोस्त, अपना किरदार तो बस ज़िन्दगी के इस फिल्म का है.
वक़्त देता, लेता कुछ नहीं सिर्फ सिखाता है
तुम क्या हो, तुम्हारी क्षमता तुम्हारा वक़्त बताता है.
तुम में और मुझ में फर्क हमारी इल्म का है
धैर्य रख दोस्त, अपना किरदार तो बस ज़िन्दगी के इस फिल्म का है.
वक़्त देता, लेता कुछ नहीं सिर्फ सिखाता है
तुम क्या हो, तुम्हारी क्षमता तुम्हारा वक़्त बताता है.