तकदीर हाथों मे होती है
लकीरों मे नही।।
अहसान दोनों का ही था
मकान पर।
छत ने जता दिया और
नींव ने छुपा लिया।।
उडा देती है नींदे भी कुछ
ज़िम्मेदारीयां घर की।
देर रात तक जागने वाला हर
शख्स आशिक नहीं होता।।
चलो बिखरने देते है
आज झिंदगी को।
सम्भालने की भी
हद होती हेना।
मुझे जीतने का शोख नहीं
सीखने का जुनून है।
जो तुम्हे प्राप्त है।
वही तुम्हारे लिए पर्याप्त है।
मन चाहा पाने के लिए।
मन से चाहना पडता है।
यह दुनिया हे जनाब।
मतलब तक आप,फिर जहरीले साप।।
खामोशी जो बयान करती है।
उतनी अल्फाजो मे हिम्मत कहा।।