Tarif Ansari k
Literary Lieutenant
4
Posts
0
Followers
0
Following

10 August

Share with friends

मेरा रास्ते से गुज़रना और तेरा खिड़की से तकना, तुम्हे सुकून तो मिल जाता, लेकिन तुम्हे देखने की तड़प मेरी यूँ ही रह जाती, तब इश्क़ सिर्फ तुम्हारा ही था, लेकिन शामिल अब मैं भी हो रहा था।

तुम ख़ास हो अब ये भी हम ही बताएंगे! तो फिर क्या फायदा बचपन से दोस्ती का?


Feed

Library

Write

Notification
Profile