Khunti Gita

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ज़िंदगी भर चलता रहा बस यूं ही, जाने किस मोड़ पर क्या क्या छोड़ आया हु मैं। ©गीता एम खुंटी

यू तो ना मिलो मुजसे तुम उम्रभर पर आंखों के इंतज़ार को एकबार तो दिलासा दे दो। ©गीता एम खुंटी

यू तो ना मिलो मुजसे तुम उम्रभर पर आंखों के इंतज़ार को एकबार तो दिलासा दे दो। ©गीता एम खुंटी

હું ધીરે ધીરે પીગડતો રહ્યો રાતભર... લોહી જામતું ગયું આંખ માં, રાતભર... ©ગીતા એમ ખૂંટી

देखता हूं तुम्हे कभी,चाँद देखता हूं। इसके अलावा नज़ारा कहा,दूसरा देखता हूं। ©गीता एम खुंटी

देखता हूं तुम्हे कभी,चाँद देखता हूं। इसके अलावा नज़ारा कहा,दूसरा देखता हूं। ©गीता एम खुंटी

ભુલ્યો છું બધું,એક તને યાદ રાખી ને.. હવે દિવસ અને રાત બસ યાદ તું છે મને... ©ગીતા એમ ખૂંટી

ઉગ્યો ઉગમણે સુરજ,અજવાળે પ્રભાત છે... શમણાં મારા સોનેરી,હાથમાં જ્યારે તારો હાથ છે... ©ગીતા એમ ખૂંટી

कुछ तो है बाकी अब भी,तेरे मेरे दरमियाँ। नही तो रात ढलती नही यहां, और चाँद खिलता नही वहां। ©गीता एम खुंटी


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