ambika .
Literary Lieutenant
14
Posts
0
Followers
2
Following

I'm ambika and I love to read StoryMirror contents.

Share with friends
Earned badges
See all

सरल है बहुत सरल है:मेरे हर प्रश्न का जवाब बहुत मुश्किल है:हाँ कहना नामुमकिन है :उनका ज़रा भी झुक जाना कितना अच्छा है :उनका एकतरफा व्यवहार सच मे कितना आसन होता है सच को लिखना लेकिन हैरानी है इस बात की कि कितना मुश्किल और नामुमकिन है उसे व्यवहार मे लाना।

"मन के काले बादल पता नहीं कब छटेंगे कब होगा पहला सा आसमान कब होंगे हम अपनी जमीं पर प्रश्न एक नहीं हज़ार है। "

"लिख दो आज अपने हर उस दर्द को जो बार-बार आपको जिंदगी से हार मानने को मजबूर करता है। "

"ज़िन्दगी का पाठ बिना याद किए ही याद रहता है उम्र भर लेकिन जब किताब खोलकर कोई पाठ याद करने की कोशिश करते है तो याद नहीं होता इसे ही कहते है ज़िन्दगी का पाठ। "

"शाम ढल तो रही थी लेकिन उजाला कम नहीं हुआ पता नहीं क्यों? लेकिन यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आशा अभी भी उसमें मौजूद थी। "

"उन्हें शौक था शतरंज खेलने का लेकिन खेलने से पहले ही हार मान बैठे। "

"ज़िन्दगी से तुझे चाहना क्या है। तू क़ाबिल बन खुद के बेशक़ इससे बढ़कर कोई चाहना नहीं। "

"नम हो गई है अब आँखे कहती कुछ है समझा कुछ जाता है। "

"ज़िन्दगी जीना सीखिए, पढ़ना नहीं। "


Feed

Library

Write

Notification
Profile