जा लौट गए हम अपनी कस्ती में
तू भी मौज रख अपनी मस्ती में
ठहरेगा दरिया अब कहानी ना होगी
तुमको मेरे बातों से परेशानी ना होगी
Like the air
Wrap all the love
Spread the wings
Fly to the horizon
कलि के प्रचंड वेग में खोए
ये मनुष्य की ज्ञान उड़ चला
माया के चक्रव्यूह में उलझा
मानवता की जिह्वा मुड़ चला
•~ रंगों की कला में अपने कलाकार हो गए ••
•~ मैं ठहरा नादान और वो समझदार हो गए ••
● रंगों की कला में कितने परिपक्व हो तुम【१】
● भ्रमित हूँ कभी अनम्य कभी पल्लव हो तुम【२】
॥~स्वप्न जीवन की कल्पना में~॥
॥~अरमानों को पंख लगा दिया~॥
॥~प्रचण्ड शपथ धर अंदर अपने~॥
॥~विजय परिणाम बना दिया~॥
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ना लड़की होने का दुख था, ना डर थी ऊंची उड़ान की
एक सिंहनी थी निडर जिसे, बस गर्व थी अपने वतन की
🙏🙏कल्पना चावला🙏🙏