खुश होना है तो संतोष रखो।।
विरेन्द्र भारती
दान दिया हुआ धन भाग्य की लकीरें बदल देता है।।
विरेन्द्र भारती
जो बिन तोले सर चढ़कर बोलता है साहब, वो नशा ही है।।
विरेन्द्र भारती
ठोकरे खाकर भी तुम ना गिरो,
यहीं दुआ है तुम्हारे लिए।।
विरेन्द्र भारती
परिवार से बढ़कर कोई अपना नहीं।।
विरेन्द्र भारती
परिवार से बढ़कर कोई अपना नहीं।।
विरेन्द्र भारती
परिवार से बढ़कर कोई अपना नहीं।।
विरेन्द्र भारती
अपनो से मिलना और प्रेम बांटना ही उत्सव है।
विरेन्द्र भारती
मित्रता करो तो स्वार्थ और फायदा दोनों त्याग दो।।
विरेन्द्र भारती