ये कैसा सितम ढाया जा रहा है,
वफादार को बेवफा,
और बेवफा को वफादार बताया जा रहा है,
ये मेरे मोहल्ले के लोगों को हुआ क्या है,
बेगुनाह को गुनहगार,
गुनहगार को बेगुनाह बताया जा रहा है,
ये कैसा सितम ढाया जा रहा है.....
दलीले उनकी मद्दे नजर रखी जाए,
बेवफाई के इल्जाम हम पर लगाये जाए,
खता तो हम से हुई है,
उन्हे बेवफा ना बताया जाए,
हिसाब हम अपने आप कर लेगे,
मुद्दा अदालत तक ना लिजाया जाए.....