विनीता धीमान
Literary Captain
66
Posts
104
Followers
40
Following

मैं विनीता एक माँ, बेटी, पत्नी और हाउस वाइफ हूँ। अपने बच्चों के साथ यदि समय मिल जाता है तो थोड़ा बहुत लिख लेती हूं। लिखना मेरा शौक़ है। आप मुझे फॉलो करिये अपने सुझाव भी जरूर दीजिये...शुक्रिया🙏🏻🙏🏻

Share with friends

अपने अंदर के बच्चे को हमेशा बच्चा ही रहने दिजीये।

धरा पर आने वाले सभी जीव को जीवन दिया पर हे कलयुग के मानव तुम वन, वन्यजीव को न मारो कही उनका अंत ही तुम्हारा काल न बन जाये

आज का मानव प्यार पर नही, पैसों पर कुर्बान होता है।

मेरे सपने, मेरे अपने, मेरा सम्मान मेरा परिवार है

अपने किए वायदे को भूल मत जाना, प्रिये तू मेरा दिल मेरी जान है तू है तो मेरा वजूद है

तेरे पास आकर तेरा साथ पाकर मेरा समय पंछी बन उड़ जाता है

आज का दिन है खास वेलेंटाइन डे जो है। पर आँखों मे आंसू है पुलवामा के शहीदों के लिए..💐💐💐

तुम आना भी चाहो तो न आ सकोगे दिल हमारा है कोई तुम्हारा घर नही।

तुम आना भी चाहो तो न आ सकोगे दिल हमारा है कोई तुम्हारा घर नही।


Feed

Library

Write

Notification
Profile