हम बनारसी है गुरु,
हम पर भोलेनाथ का साया है,
बाकी सब मोह माया है।।
शरिफो कि बस्ती मे रहते है,
हरामियो से भी नाते है।
तुम बिगर रहे हो जिनके किस्से सुन कर ,
उन किस्सो मे भी हमारे हिस्से है।।
कुतो कि तादाद पर,
शेर कभि भिरा नही करते ।
हम महाकाल के भक्त है,
किसी से डरा नही करते। ।
न जिने कि खुशी, ना मौत का गम।
जब तक है दम, महादेव के भक्त रहेंगे हम।।