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यशोदा जी के है आप दुलाल बस मक्खन का है खयाल कंश अगर वृन्दावन पे भिन्दीपाल तो वृन्दावन के है आप ढाल राधा रानी की प्रेम आप ही है गिरधारिलाल सबके मन मे बस एक ही सवाल कैसे निकालते है हर दुःखो के हाल इसीलिए तो आप समस्त सृष्टि के सर्वपाल जय कन्हैयालाल