आँखें हैरान हैं,दरिया की
लहरें भी परेशानी में हैं..
चाँद तो पास बैठा है,फिर
ये अक्स किसका पानी में है..
अर्चना अनुप्रिया
दिल नहीं लगाया, तो
दिल पर भी नहीं लगेगी
-अर्चना अनुप्रिया
मकानों से भरा शहर..
जमीनें भरी और दिल खाली..
कितनी अजीब है इस उम्र की कहानी भी...
हासिल सब कुछ है, चाहिए कुछ भी नहीं...
अर्चना अनुप्रिया
सिर झुका हो सजदे में पर दिल में दगा हो...
ऐसी इबादत से भला खुश कैसे खुदा हो...
अर्चना अनुप्रिया।
सादगी की अदा और शोखियाँ बेहिसाब..
बड़े सलीके से कत्ल करने की है तैयारी..
अर्चना अनुप्रिया
बहुत नेकदिल होना भी ठीक नहीं है दोस्तों...
बहुत पत्थर खाते हैं वो पेड़,जो मीठे फल देते हैं...
अर्चना अनुप्रिया
आँखें अक्सर खुद नहीं देख पातीं...
मंजिल और रास्ते गुरू ही दिखाते हैं...
©अ.अ.
कितना गिरा हुआ है 'फायदा'..
लोग कहीं से भी उठाने लगे हैं..
अर्चना अनुप्रिया