jyacha premat mi tyachi savli zale toj mhnto mi tyala visrun gele....!
नाराज रहने की बहोत सारी वजह है,
पर खुश रहने की वजह सिर्फ तुम हो...!
तुझ्या शब्दात हरवलेली मी पुन्हा मला मी स्वतला खूब आनंदाने मिळावी ती पन इच्छा नाही....!
कभी कभी मन मे हम ऐसे लोगो को जगह देते है जो हमे अपनी छबि पर उनके विचारों की धुल के कारण अपने प्रतिबिंब को भी पेहचान नही पाते...!
कभी कभी मन मे हम ऐसे लोगो को जगह देते है जो हमे अपनी छबि पर उनके विचारों की धुल के कारण अपने प्रतिबिंब को भी पेहचान नही पाते...!
कभी कभी मन मे हम ऐसे लोगो को जगह देते है जो हमे अपनी छबि पर उनके विचारों की धुल के कारण अपने प्रतिबिंब को भी पेहचान नही पाते...!
लोग सस्ता समझे उससे पहले अपनी किंमत खुद कर लेनी चाहिए....!
मनाच्या भावना जिथे पूजा बनून जाता तिथे प्रेम आहे त्याचि प्रचिति होने म्ह्णजे शक्तिपातज .....!
मनाच्या भावना जिथे पूजा बनून जाता तिथे प्रेम आहे त्याचि प्रचिति होने म्ह्णजे शक्तिपातज .....!