शब्द रूपी मोती से। वाक्य रूपी माला बनाई।। मेरे लिखे शब्दों में हैं। अर्थ रूपी समंदर समाई।।
# अज्ञानता का लोप हो जाएगा। जब मन पूर्णतः कृष्णमय हो जाएगा।।