"रास्ताें की ये धूल मुजसे ये पूछती हैं, कितने बरस बीत गये उसकी राह मैं? मेैंने भी कहा-जितने बरस उसकी यादाें में साेया नहीं हूॅ॓ |" -नियति (यतिन)
सादगी ही उसकी पहचान थी शरमाना ही उसकी चाहत थी वाे कैसी उसकी आहट थी, जाे हर-बार सामने मिले जाती थीं..!! -नियति (यतिन)
कुछ हादसाे की हैं ये जिन्दगी, कुछ हकीकत की हैं ये कहानी, कभी ना मिले चाहत ऐैसी हैं ये जवानी....? -नियति (यतिन पाटील)
"ક્યાંક એ વેદનાઓ વિસરાઈ ગઈ, ક્યાંક એ યાદો ભુલાઈ ગઈ, સમય સાથે જિન્દગી બદલાઈ ગઈ. " -"નિયતિ" યતિન પાટીલ.