@sushree-sangita-swain

Sushree sangita Swain
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My self Dr.sushree sangita swain love to write poem,

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Jo waqt ki keemat waqt rahte nahin samajhte waqt sahi waqt ane par apni taqat unko dikha deta hai.

समय की लाठी मैं आवाज़ नहीं होती.

कोरोना का बिदाई की प्रतीक्षा सारा जहाँ कर रहा हे.

किताबें नहीं होती तो जीबन मृत समान होता. जिस घर मैं किताब नहीं, वहां ईश्वर का निबास नहीं.

खुद से ही प्रेम करो धोखा मिलेगा तो तकलीफ नहीं होगी. नहीं तो ईश्वर से प्रेम करो फायदे मैं रहोगे.

नफरत को सिर्फ और सिर्फ प्रेम से जीता जा सकता हे.

रक्षाबन्धन भाई बहन का अटूट बन्धन की निशानी हे. ये सिर्फ रेशम का डोर नहीं अनमोल प्यार का प्रतिक है.

दोस्ती अनमोल रिस्ता हे. जो बात हम अपने मा, बाप से कह नहीं पाते उसे दोस्त को बे झिझक बता देते हैं.

बेतन महीने भर की तनाव, थकान,परिश्रम का मूल्य होता हे. हाथ मैं आते ही आत्म बिस्वास बढ़ जाता हे.


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