मृगतृष्णा के बीच रहकर उचित तृष्णा की पहचान ही मनुष्यता है।
सरलता स्वभाव का दर्पण है।
भक्ति की पनाह में हर गम भूलना,
यही सच्चे भक्त की रही है कामना।
ज़िन्दगी में अमरत्व की कहानी
अंतहीन होती है।
स्वर्ग सी ज़िन्दगी हो
ऐसी ख्वाहिश न हो
पर हर दुख के बाद
सुख की बेला हो।
युद्ध किसी समस्या का विराम नहीं
बल्कि अल्पविराम हो सकता है।
विश्वास शब्द ही है,जो ब्रह्माण्ड से शून्य तक के सफ़र का बोध कराती है।
एकता की सूत्र धैर्यता का पान कर मंज़िल सहज़ पा लेती है।
बचपन की कहानी लकड़ी के गटठर की भूले सीख,
समय के मंजर से हमने मिलन की मांगी भीख,
कोरोना सा खंज़र हमारी छाती में ऐसा लगा,
एकजुटता के पारितोषिक को अपनाए हमारीआँख।