Bhavna Sharma
Literary Captain
24
Posts
0
Followers
0
Following

Lab Attendant in emrs

Share with friends

कि लिख कर बार- बार उसी का नाम मिटा रहा हू... मै उसी को भुलाने के लिए उसी के किस्से याद किए जा रहा हू।।

वो भूल गए तो क्यों तमाशा -ए- इश्क बनाए हम..सहूलियत इसी में है कि इस गम को शराब में मिलाए और चुपचाप पी जाए हम।।

शिकायते मुंह फूला लेती है मुझसे जब मैं तुम्हारी करती हू तुम से।।


Feed

Library

Write

Notification
Profile