सुना है ! तंग है ये इश्क की गली फिर भी हर कोई इससे क्यों गुजरता है दर्द और रुसवाइयां मिलती है इन गलियों में फिर भी खुशी खुशी हर कोई क्यों जहर ये चखता है।
खुदा की नेमत है ये जिंदगी ना इसे यूं नशे की भेंट चढ़ा, धुएं में उडाओ। अभी भी समय है पछताने से पहले संभल जाओ।
टूटकर जब भी बिखरने लगी हूं मैं मां आगे बढ़ तूने मुझे संभाला है तेरी आंखों में झलकते विश्वास ने ही मेरे हौसलों को फिर से दिया सहारा है।
आप परमात्मा की सर्वोत्तम कृति हैं। अतः अपना समय किसी की प्रतिकृति बनने में नहीं, अपितु अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ देने में लगाइए।। सरोज ✍️
ये पागलपन नहीं तो और क्या है। यहां कतरा कतरा जिंदगी घट रही है वहां मेरी खुद के लिए ही मुहब्बत और बढ रही है।। सरोज ✍️ ये पागलपन नहीं तो और क्या है। यहां कतरा कतरा जिंदगी घट रही है वहां मेरी खुद के लिए ही मुहब्बत और बढ रही है।। सरोज ✍️