दर्द
दर्द
मां को रात पूजा करने के बाद जब बेटा घर वापस लौटता था है, तब तो मां के पेट को कुछ खाना मिलता है।
मां भूख से पीड़ित थी। पूजा पूरी करने के बाद एक दिन, बेटा घर आया और अपनी माँ को मृत पड़ा देखा। उसके पास माँ का अंतिम संस्कार करने के लिए भी पैसे नहीं हैं।
माँ के शरीर को उठाकर कूड़ेदान में फेंक दिया गया।
अगली सुबह, सफाई कर्मचारी जो कूड़े में साफ़ करने के लिए देखा तो डर गया। वे चौंक गए।
और पुलिस को शिकायत किये ! पुलिस ने सरकारी अस्पताल लेकर गए परीक्षण के लिए माँ के शव को।
शव परीक्षण में उसके पेट को खाली पाकर डॉक्टर हैरान रह गए। मां अनशन से बच गई।
दुनिया कहाँ जा रही है ?
ये गरीबी क्यों ?
इसके लिए कौन जिम्मेदार है दुनिया में ?
क्या माँ द्वारा किया गया पाप ? क्या पुत्र द्वारा पाप किया जाता है ?
हम मानवाधिकारों की बात करते हैं।
हमारा कर्तव्य क्या है ?
यह हर दिन घातक मरने का मामला है। दर्द इसके लायक है।