Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

खूनी दरिंदा भाग 8

खूनी दरिंदा भाग 8

4 mins
7.5K


जब रविकांत सिल्विया से खुसुर-फुसुर कर रहा था तभी खन्ना की नजर उनपर थी और जब रवि ने अपने कंधे की खरोंचे उसे दिखाई तो वह दृश्य खन्ना ने देख लिया था। फिर सिल्विया का असामान्य व्यवहार देखकर उन्हें बात समझते देर न लगी। जब उन्होंने प्रयोग बंद करवाये और अपने घर को रवाना हुए तब एक लंबा चक्कर लगाकर सिल्विया के घर पहुँच गए और दरवाजे की कुण्डी हाथ से ही सरलता से तोड़ दी और उस छिद्र से उँगली भीतर डालकर सिटकिनी खोली और दबे पाँव आकर सिल्विया के पीछे कुर्सी पर बैठ गए। अब उनकी तेजी शक्ति और शिकार की क्षमता किसी भयानक पशु जैसी हो चुकी थी। अब उनमें ताकत तो दानव जैसी थी पर दिमाग एक जहीन वैज्ञानिक का था। 

सिल्विया बेहोश होकर गिरने लगी तो खन्ना ने झपट कर उसे बांहों में थाम लिया और धीमे से सोफे पर लिटा दिया फिर उसके चेहरे पर पानी का छिड़काव करने लगे। सिल्विया होश में आई तो उन्हें देखकर भयभीत हो चीखने ही वाली थी कि खन्ना ने मुलायमियत से उसके मुंह पर हाथ रखा और प्रेम से बोले, पागल हो गई हो क्या बच्ची? उनकी साधारण मुख मुद्रा और मीठी वाणी का सिल्विया पर अपेक्षित परिणाम हुआ। वो शांत होने लगी और कांपते हुए बोली, "आप यहाँ क्यों आये हैं और भीतर कैसे आ गए? खन्ना हँसते हुए बोले मैं तुम्हारी तबीयत का हाल पूछने आया था बच्ची, और तुम बेध्यानी में दरवाजा बंद करना भूल गई थी तो मैं भीतर आ गया और तुम किसी महत्वपूर्ण कार्य में लगी थी तो मैं चुपचाप बैठकर इन्तजार करने लगा बस! और सुनाओ कैसी है अब तबीयत?

सिल्विया अब सामान्य सी होने लगी थी। उसे अपनी कमजोरी पर लज्जा भी आ रही थी वो झेंपते हुए बोली अब ठीक हूँ सर! फिर खन्ना ने कहा कि आजकल रविकांत की मानसिक हालत कुछ सही नहीं चल रही है, शायद काम के बोझ से उसका दिमाग उद्वेलित हो गया है। कल शाम ही उसने मुझसे कई उल-जलूल बातें कहीं। मैं इस बारे में भी तुमसे बात करना चाहता था क्योंकि तुम उसकी सबसे अच्छी मित्र हो। क्या तुम इस विषय पर कोई प्रकाश डाल सकती हो?

सिल्विया ने तोते की तरह खन्ना को सारा किस्सा कह सुनाया कि कैसे रविकांत को उनपर शक हो गया है और कल शाम कैसे खन्ना की उँगलियों से उसके कन्धे पर खरोंच आई और रवि खानसामे की लाश देख आया है और उसने अपनी और खानसामे की खरोंचों की फोटोग्राफी भी कर रखी है इत्यादि।

खन्ना ऊपर से शांत बने रहे पर भीतर से बुरी तरह हिल गए। अगर रविकांत यह बातें थापा के कानों तक पहुंचा देता तो उनका बचना असम्भव था। वैसे उन्हें सरकार से पद्मश्री मिल चुकी थी और इस वर्ष उनका नाम पद्मभूषण के लिए प्रस्तावित था। वे सरकार और जनता के बीच खूब लोकप्रिय थे उनके द्वारा बनाया गया ट्रस्ट समाज कल्याण और शिक्षा के क्षेत्र में खूब काम कर रहा था अगर उनका भांडा फूट जाता तो यह सब प्रतिष्ठा बर्बाद हो जाती। उन्होंने अपना एक्शन प्लान निर्धारित कर लिया।

वे प्रेम से सिल्विया को समझाने लगे कि रविकांत की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उसे चिकित्सा की आवश्यकता है। उन्होंने सिल्विया से पूछा कि क्या वो अपने मित्र के इलाज के लिए उनका साथ देगी? उन्हें रविकांत से काफी आशाएं हैं और ऐसी फ़ालतू बातों पर सिर खपाने से उसका करियर बर्बाद हो जाएगा। यह भी उन्होंने सिल्विया को समझाया। सिल्विया समझ गई और रविकांत की भलाई के लिए वो खन्ना सर का हर आदेश मानने को तैयार हो गई।

खन्ना ने उसका धन्यवाद दिया फिर उठकर जाने के लिए खड़े हो गए। सिल्विया उन्हें दरवाजे तक छोड़ने आई तो खन्ना ने प्रेम से उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में लिया और उसके माथे पर स्नेह का चुम्बन अंकित किया फिर उसकी नाजुक गर्दन सूखी ककड़ी की तरह तोड़ दी। उसकी जीवन ज्योति बुझ गई और वह निष्प्राण होकर गिर पड़ी।

 

क्या खन्ना का अगला शिकार रवि था ?

क्या खन्ना उसे जिन्दा छोड़ने का रिस्क ले सकते थे ?

पढ़िए भाग 9 ...


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action