Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sara Garg

Drama Others

5.0  

Sara Garg

Drama Others

बेटी का पालन बेटी की तरह

बेटी का पालन बेटी की तरह

2 mins
561


राज के घर बेटी का जन्म हुआ, राज और उसकी पत्नी मीरा खुश थे। राज ने उसका नाम खुशी रखा। राज के बडे भाई ने कहा आजकल बेटे और बेटी में फर्क कहा, हम खुशी को बेटे की तरह पालेंगे। तब राज ने कहा - भाईया अगर बेटे और बेटी में फर्क नहीं है, जब बेटे को बेटे की तरह पालते है, तो बेटी को बेटी की तरह क्यों नहीं पालते। मैं और मीरा तो खुशी को बेटी की तरह ही पालेंगे।

फिर उन दोनों ने खुशी को अच्छे अच्छे गुण सिखाएं, उन्होंने उसे सहनशीलता, क्षमा, प्यार , अपने लिए जीना, दूसरे के लिए जीना, माँ दुर्गा के गुण, पैसे का सही उपयोग, घर के सारे काम, बाहर के सारे काम, बड़ों का आदर, सब सिखाया। खुशी पढ़ने में भी अच्छी थी। बड़े होकर खुशी की शादी हो गई। उसके ससुराल वाले अच्छे नहीं थे, उससे झगड़ते थे। पर उसने अपने माता-पिता के सिखाए हुए गुणों से सबका दिल जीत लिया।

वह व्यापार करना चाहती थी, उसके ससुराल वालों ने उसकी मदद की और इक दिन वह कामयाब बिजनेस औरत बन गई। उसने पर अपने माता-पिता के दिए संस्कार नहीं भूले थे। वह आज भी अपना बिजनेस, ससुराल के प्रति दायित्व और मायके प्रति फर्ज तीनों साथ साथ निभा रही है क्योंकि उसकी परवरिश एक बेटी की तरह हुई थी न कि एक बेटे की तरह। क्योंकि सिर्फ इक बेटी और लड़की में ही क्षमता है सारे काम करने की, सारे फर्ज निभाने की।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama