धोखा
धोखा
वो शीशे में अपना प्रतिबिंब देख रही थी, तभी अंगड़ाई आई और विजय की याद आ गई, सुषमा ने फौरन विजय को फोन कर एकबार मिलने की इच्छा जताई। विजय की शादी की सालगिरह थी..फिर भी उसने बाइक उठाई और सुषमा से मिलने आ गया, सुषमा उसका मांडाखाल के खतरनाक मोड़ पर इंतजार कर रही थी । विजय को देखते ही उसने उसे अपनी बाहों में भर लिया, काफी देर तक दोनों ऐसे ही रहे..फिर सुषमा की आवाज़ के साथ खामोशी टूटी। विजय तुम एकबार फिर मांडाखाल के मोड़ पर बाइक चलाओ और मैं वीडियो बनाऊंगी.. जिसे मैं हमेशा अपने पास रखूंगी। नागिन सी काली सड़क पर विजय पहले बाइक को ऊपर ले गया, फिर धीरे धीरे मांडाखाल के मोड़ पर बाइक चलाने लगा। सुषमा उसका वीडियो बना रही थी, तभी पीछे से आ रही गढ़वाल मंडल की बस उसपर चढ़ गई । विजय ये सब देख रहा था लेकिन उसे कुछ भी करने का वक्त ही नहीं मिला, बाइक वाला सीन आंखों में कैद कर सुषमा दूसरे जहां में जा चुकी थी। विजय शादी की सालगिरह के लिए वापस घर लौट गया, डबल क्रास क्या होता है अब समझ में आ रहा है ।