पिता
पिता
तुझे विरासत में अपनी जागीर देता हूँ,
ले खुद को आज से मैं फ़क़ीर कहता हूँ ।
और क्या चाहिए तुझे मेरे हिस्से का,
ले तुझे मैं अपनी किस्मत की लकीर देता हूँ ।
तुझे दुनिया की हर वो ख़ुशी देता हूँ,
भले खाली पेट मैं सारी रात रहता हूँ ।
चैन से जो सो न सके तू फिर भी अगर,
ले तुझे मैं इन आँखों की नींद देता हूँ ।।