Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Atul Tiwari Aakrosh

Others children stories children classics

4.3  

Atul Tiwari Aakrosh

Others children stories children classics

कलुआ की बरफ

कलुआ की बरफ

2 mins
1.2K


इनसे मिलिए ये हैं कलुआ..मतलब इनका नाम ही है कलुआ और ये आज अचानक टकरा गए..

पों पों वाली बरफ के इतने शौकीन की बस पूछिये नहीं..

जनपद उन्नाव में आनंद मिश्रा जी के साथ एक मित्र के गांव के बाहर स्थित एक मात्र चाय की दुकान पर बैठे बातचीत कर ही रहे थे कि अचानक एक आइसक्रीम (कलुआ का बरफ वाला) के ठेले से नाग की तरह लिपटे और तेज़ आवाज में रोते बच्चे की ओर बरबस ही ध्यान चला गया..दो चार मिनट देखा फिर रहा नहीं गया तो उठकर पास गया तो पता चला कि ये कलुआ हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर बरफ चाहिए..पर शायद पैसों की वजह से या जो भी कारण रहा हो इनकी माँ आइसक्रीम दिलाना नहीं चाहती थी..और दूसरी तरफ़ कलुआ जी थे कि वो बरफ वाले कि बरफ की गाड़ी छोड़ने को तैयार नहीं..इनकी तड़प देख कर रहा नहीं गया तो आइसक्रीम वाले से एक आइसक्रीम इन्हें देने को बोला औऱ कलुआ जी से कहा कि गाड़ी छोड़ दो पर शायद कलुआ जी को शायद अभी हम पर संशय था तो जब तक बरफ हाथ मे नहीं आ गयी तब तक जनाब गाड़ी पर अपनी पकड़ बनाये रखे..लेकिन बरफ के हाथ में आते ही लगा जैसे बरफ कलुआ के अंदाजे से थोड़ा ज्यादा ठंडी निकली और इसका पता तब चला जब नजर इनके पैर पर गयी..कलुआ की सारी रंगबाजी और सारी गर्मी एक धारा के रूप में इनके पैर से बह निकली..लेकिन थोड़ी ही देर बाद कलुआ और उस 10 रुपये की ठंडी बरफ के बीच मे कुछ था तो बस निश्चल मुस्कान और एक अजीब सा संतोष, जो हम आप शायद कहीं खो चुके हैं।


Rate this content
Log in