गुमशुदा भाग 12
गुमशुदा भाग 12
भाग 12
काली कार का दरवाजा खुला और उसमें से सलाहुद्दीन मालवी ने बाहर कदम रखा। चौदस का चांद ऊपर पूरी शिद्दत से चमक रहा था। सलाहुद्दीन के मुड़े तुड़े कान अपनी पहचान खुद बता रहे थे। गोविंद बनमाली कॉटेज से बाहर निकल आया। उसने हाथ में अपना बड़ा सा बैग उठा रखा था। सलाहुद्दीन ने हाथ में रिवाल्वर ले रखी थी। उसने रिवाल्वर की नोंक पर गोविंद को बैग खोलने को कहा। गोविंद ने बैग खोला तो उसमें रखी अत्याधुनिक एके सैंतालीस राइफल की झलक देशमुख को दिखाई पड़ गई जो अक्सा बीच की एक झाड़ी के पीछे छुपा हुआ सारे मामले को बारीकी से निहार रहा था। सलाहुद्दीन ने जोर से अरबी भाषा में कुछ कहा तो काली कार से एक बच्चे को संभाले उसका एक साथी बाहर निकल आया। यह बच्चा सियान बनमाली था। उसके हाथ बंधे हुए थे। कार से निकले मवाली ने बच्चे को टहोका दिया तो वह भागकर अपने पिता गोविंद के पास जाने लगा। इसके पहले कि सलाहुद्दीन और उसका साथी कार में बैठकर निकल पाते, देशमुख आड़ से बाहर निकल आया और उसने सबको आत्मसमर्पण की चेतावनी दे दी। बौखलाकर सलाहुद्दीन ने एक फायर देशमुख की ओर झोंक दिया। एक गोली देशमुख के कान को हवा देती गुजर गई। उसने खुद को तुरंत भूमि पर गिरा लिया और सलाहुद्दीन की तरफ कई राउंड फायर किए। उसकी एक गोली दूसरे मवाली की आंख के बीचों बीच लगी और वो तुरंत मारा गया। सलाहुद्दीन की पसली में भी कोई गोली लगी और वह चीख मारकर उलट गया। देशमुख के साथी और मगन भी ताबड़तोब गोलियां बरसा रहे थे। गोविंद बनमाली अपने बच्चे को गोद में लिए थर थर कांपता हुआ खड़ा था। इसके पहले कि कोई उसे लेट जाने के लिए कह पाता, सलाहुद्दीन ने भद्दी गालियां देते हुए गोविंद को एक गोली मार दी। हरामजादे ने धोखा किया, पुलिस बुला ली, वो चीख रहा था। गोविंद कटे पेड़ सा गिर पड़ा। उधर मगन राठौर की कई गोलियां सलाहुद्दीन से जा टकराईं और वह मारा गया। जब सन्नाटा छा गया तब देशमुख सावधानी से घटनास्थल की ओर बढ़ा। सलाहुद्दीन और उसके मवाली साथी की लहू लुहान लाशें पड़ी हुई थी। गोविंद भी बुरी तरह घायल था उसकी सांस फंस फंस कर आ रही थी। सियान सुरक्षित था। दोनों को फौरन अस्पताल पहुंचाया गया।