खुबसूरती
खुबसूरती
"माँ मैं कितनी खूबसूरत हूँ। सब मेरे आगे पीछे घूमते हैं।" आईना देखते हुए माही ने अपनी माँ से कहाँ। और हँसने लगती है।
माँ कहती है "हाँ मेरी बेटी तुम बहुत खुबसूरत हो। तुम्हारे जैसा दुनिया में कोई नहीं है।"
"माँ कितने अरमान थे मेरे राज से शादी करने के, उसने ऐसा क्यों किया, और जोर-जोर से हँसने लगती फिर हँसते-हँसते एकाएक रोने लगती है। माँ मैं खूबसूरत हूँ तो राज ने आयशा को क्यों चुना शादी के लिये। क्यो माँ ?"
माही और आयशा दोनो सगी बहने, मगर शक्ल व सीरत में जमीन आसमान का अंतर था। माही दिखने में बहुत ही सुंदर, बिल्कुल परी जैसी, मगर घमंडी भी उतनी ही थी। किसी से सीधे मुँह बात नहीं करती थी। और आयशा उसके विपरीत शक्ल सूरत से साधारण, मगर बहुत ही व्यवहारिक, सबसे प्यार करने वाली, सबका काम करने वाली, पढ़ने में दोनों बहने अच्छी थी, कॉलेज ने माही के बहुत चहेते थे, और आयशा का कोई नहीं, फिर भी आयशा को कोई फर्क नहीं पढ़ता था। वह अपने में ही मस्त रहती थी उसे पढ़ना बहुत पसंद था। इन्ही दिनों मोहल्ले में राज का आना हुआ बहुत ही स्मार्ट, वेल मेनर्ड, माही, आयशा दोनों का दिल उसके लिये धड़कने लगा। मगर आयशा जानती थी की राज उसे पसंद नहीं करेगा, और माही, उसे तो पूरा विश्वास था कि, राज उसी का है। मगर राज, उसने कभी इस बारे में सोचा ही नहीं था। जब राज ने इन दोनों को देखा था तो पहली नजर में उसे भी माही पसन्द आयी थी, मगर जब उसने आयशा से बात करी तो वह उससे भी इम्प्रेस हो गया। अब वह दोनों का अच्छा दोस्त बन गया था। और उनके साथ ही कॉलेज जाता था।
आज वेलेंटाइन डे था और माही को इंतजार था की राज उसे लाल गुलाब देगा, और यही सोचकर वह अच्छे से तैयार होकर कालेज जा रही थी, साथ में आयेशा भी थी, इतने में राज हाथ में फूल लेकर आता है और आयशा को देकर प्रपोज़ कर देता है। और आयशा उसे स्वीकार लेती है, इसी वजह से माही अपनी माँ से पूछती है की "मैं खूबसूरत नहीं हूँ क्या माँ।" तो माँ कहती है "बेटा आयशा रूप रंग में साधारण है। मगर राज ने उसकी अंदर की खूबसूरती देख ली।"