डॉक्टर साब
डॉक्टर साब
रात के साढ़े नौ बज रहे थे। डॉक्टर साब शराब का सेवन करते करते टीवी पर समाचार देख रहे थे। ये इनकी रोज की दिनचर्या में शामिल था की रोजाना चार पैग लगाना और खाना खाकर सो जाना। 32 वर्षीय डॉक्टर साब की उनके अड़ियल रवैये के कारण अभी तक शादी नहीं हुई थी। घर पर काम वाली बाई थी जो सुबह शाम खाना बनाकर चली जाती थी। डॉक्टर साब का एक भाई भी है। जिसका नाम राजन है। 25 वर्षीय ये नौजवान आकर्षक व्यक्तित्व और सुगठित शरीर का मालिक था। जिसको डॉक्टर साब बहुत प्यार करते है। वो ज्यादातर अपने दोस्तों के साथ रहने वाला और लेट नाईट पार्टी कल्चर वाला युवा था कब आता था कब जाता था ये तो खुद डॉक्टर साब भी नहीं जानते थे। कमाल की बात तो ये थी की एक ही घर में रहने वाले इन दोनो का आमना सामना हफ्ते में दो तीन बार ज्यादा नहीं होता था। परन्तु शुक्र है की आज के समय में मोबाइल नाम की चीज है, नहीं तो ये बड़ी भयानक स्थिति होती। डॉक्टर साब ने घर शहर से बाहर शांत एरिया में बना रखा है। डॉक्टर साब का शहर में एक छोटा सा हॉस्पिटल है। वो सुबह 8 से शाम को 8 बजे तक हॉस्पिटल में ही रहते है। दोपहर में आराम भी यही फरमाते है। थोड़ा स्वभाव से अड़ियल है पूरा स्टाफ इनसे खौफ खाता है। डॉक्टर साब को रात में एमरजेंसी में आने से सख्त नफरत थी। इसलिए इनका कोई भी स्टाफ इन्हे रात में फ़ोन नहीं करता था। अभी लगभग तीन महीने पहले ही एक 15 वर्षीय किशोर ने रात को इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। हालांकि ये इनके लिए कोई नई बात नहीं थी पहले भी ऐसी तीन चार घटनाएं हो चुकी थी। किशोर के पिता ने सुबह डॉक्टर साब को रो रो कर खूब खरी खोटी सुनाई। उस बेचारे इनकी शिकायत भी की, पर आप जानते ही हमारे क़ानूनी सिस्टम को यहाँ गरीब के लिए कोई जगह नहीं है। डॉक्टर साब ले देकर इन मामलों को निपटाने में माहिर हो चुके थे। अपने बेटे की लाश ले जाते वक्त लड़के के पिता ने डॉक्टर साब को बद्दुआ दी की इस दुनिया में यदि ईश्वर है तो तुमको इस पाप की सजा जल्दी ही मिलेगी।
खैर आज एक विचित्र बात हुई आज डॉक्टर साब ने आधी बोतल खत्म कर दी और लड़खड़ाते कदमो से रसोई तक पहुंचे थाली में खाना लिया और फ्रीज से कटा हुआ सलाद निकाला जो एक थाली में करीने से सजा हुआ था और हॉल की ओर चल पड़े। रास्ते में सलाद से टमाटर के दो टुकड़े बिछड़ गए। डॉक्टर साब ने खाना खाया और सो गए।
रात को अचानक से फोन की घंटी बजी। डॉक्टर साब ने टाइम देखा पौने तीन बज रहे थे। फ़ोन उठाया सामने से घबराती हुई आवाज आई,"सर मै इंदु बोल रही हूँ एक कैब वाला एक लड़के को बेहोशी की हालत में लेकर आया है कोई आधा घंटे पहले। उसका नार्मल एक्सीडेंट हुआ है। हमने उसको संभाल लिया है। अब अचानक से उसकी तबीयत खराब हो उठी है। आप आ जाइये प्लीज। उससे काफी नशा भी कर रखा है। इसलिए वो आधी बेहोशी की सी हालत में है कुछ बोलना चाहता पर हम समझ नहीं पा रहे है। "
"पागल लड़की तुझसे कितने कहा था एडमिट करने को। वो कैब वाला कहाँ है।" डॉक्टर साब ने गुस्से से गरजते हुए कहा। उनका सारा नशा हवा हो गया था।
"सॉरी सर मेरी न्यू जोइनिंग है और मुझे सीधे नाईट ड्यूटी दे दी गई है। मुझे पता नहीं था। कैब वाले ने सब नार्मल देखा तो वो चला गया।"लड़की ने घबराते हुआ कहा।
"देखो मुझे पता नहीं तुम क्या करोगी क्या नहीं करोगी बस सुबह तक संभाल लो। ठीक है। मुझे दुबारा फ़ोन मत करना। तुमसे और बाकी सब से मै सुबह निपटता हूँ।"डॉक्टर साब ने गुस्से से कहा और फोन काट दिया। लगभग आधे घंटे बाद फिर फ़ोन बजा डॉक्टर साब ने खीजते हुए फ़ोन स्विच ऑफ कर दिया।
सुबह डॉक्टर साब हॉस्पिटल पहुंचे। हॉस्पिटल में सन्नाटा पसरा हुआ था। उन्होंने ऑफिस बॉय को चिल्लाते हुए कहा,"जाओ इंदु को मेरे पास भेजो।"
इंदु ऑफिस में आई। उस के तोते उड़े हुए थे। वो कुछ पूछते उससे पहले ही इंदु लड़खड़ाते हुए बोली,"सर व् व् वो लड़का मर गया रात को ही।"
"क्या ? क क कैसे ? तुमने उसे एडमिट ही क्यों किया पागल लड़की। मुझे पूरी बात बताओ क्या हुआ था। लगता है सबने हॉस्पिटल बंद करवाने की ठान ली है। अब कुछ बोलोगी की मेरा मुँह देखती रहोगी।"डॉक्टर साब ने झल्लाते हुए कहा इस कारण उनका पूरा मुँह लाल हो गया था।
"सर उसको नार्मल चोट लगी थी सर पर और पैर पर हाथो में खरोंच थी। उसकी बाइक कैब वाले से टकराई थी। वो उसको लेकर यहाँ आया बेहोशी की हालत में। मैने देखा नार्मल चोट थी उसका इलाज किया और सब कुछ ठीक था। ये देख वो कैब वाला चला गया। इसका मोबाइल का स्क्रीन टूट गया था गिरने से। इस कारण हम उसकी पहचान नहीं कर पाए। उसकी पास से कोई आई डी भी नहीं मिली तो अभी तक घर वालो से संपर्क नहीं हो पाया है।"
"अच्छा वो छोड़ो ये बताओ जब सब कुछ सही था तो मरा कैसे।"
"सर मरहम पट्टी करने के बाद वो आराम कर रहा था। वो आधी बेहोशी की हालत में था। काफी नशा भी कर रखा था उसने। लगभग आधे घंटे बाद वो बेचैन सा हो गया जैसे उसको कोई घुटन सी महसूस हुई। कुछ देर बाद उसको साँस लेने में तकलीफ हो रही थी। फिर उसके मुँह से खून निकलने लगा। इससे पहले की हम कुछ समझ पाते उसने दम तोड़ दिया। फिर मैने आपको फ़ोन भी किया था। आपने स्विच ऑफ कर दिया।"
"बहुत बड़ा एहसान किया मुझ पर फ़ोन करके। उसको अंदरूनी चोट लगी थी। जिसकी वजह से इंटरनल ब्लिडिंग होने लगी। धीरे धीरे खून रिसता रिसता उसके फेफड़ो में जमा होने लगा। जिसकी वजह से उसको सांस लेने में तकलीफ होने लगी और इसी कारण खून उसके मुँह से निकला। फिर जब उसके फेफड़े में खून भर गया तो बेचारा सांस नहीं ले पाया और दम घुटने से उसकी मौत हो गई। अब ऐसे क्या खड़ी हो उसकी लाश दिखाओ मुझे। किसी काम के नहीं हो तुम लोग।"
मुर्दाघर पहुँच कर इंदु ने जैसे ही कपड़ा लाश से हटाया। डॉक्टर साब के जैसे पैरो तले से जमीन खिसक गई। वो लड़खड़ाते हुए गिर पड़े और जोर जोर से रोने लगे। वो लड़का राजन था। बात आग की तरह हॉस्पिटल में फ़ैल गई की डॉक्टर साब का भाई इलाज के अभाव में उन्ही के अस्पताल में मर गया।
आज उस घटना को को दो साल हो चुके है। उसके बाद बहुत बदलाव आ गया था हॉस्पिटल में। आज ये हॉस्पिटल अपनी एमरजेंसी सेवाओं के लिए और अपने सस्ते इलाज के लिए पुरे शहर में मशहूर हो चूका है। डॉक्टर साब ने हॉस्पिटल के पास ही मकान ले लिया है और अब वे एमरजेंसी में बड़ी तत्परता से काम करते है। उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी हॉस्पिटल की सुविधाओं को बढ़ाने में लगा दी। आज वो अपने काम से पुरे शहर में मरीजों के भगवान के रूप में मशहूर हो चुके है। इस दौरान एक कमाल की बात ये भी हुई की उन्होंने पीना भी छोड़ दिया था। अब एक उड़ती उड़ती खबर ये भी आ रही है की वो जल्द ही शादी करने वाले है।