इच्छा-मृत्यु
इच्छा-मृत्यु
"अरे ! ये तो सरकार का फैसला बहुत ही गलत है। सरकार ने सरकारी नौकरियों में पेंशन समाप्त कर दी।"
"क्या होगा हम जैसे बूढ़ों का। आजकल के बच्चें तो वैसे ही बुजुर्गों की सेवा नहीं करते। अगर कुछ करते भी हैं तो पेंशन के लालच में करते हैं।"
"सही कह रही हो रामरति। खुद को ही देख लो,अगर हमारी पेंशन न होती तो क्या होता हमारा ? हमारा बेटा हमारे भोजन और दवाई का खर्चा न उठाता।"
"क्या करने में करता है ? आते ही सारी पेंशन ले लेता है। अपनी दवाई लाने को भी उससे पैसे माँगने पड़ते हैं। वह कर तो रहा है बड़ा तो जब भी आता है तो लड़-झगड़ कर जाता है कि सारी पेंशन अकेले खा रहा है मुझे नहीं देता।"
"अच्छा हो कि सरकार बूढ़ों को इच्छा मृत्यु का अधिकार दे दे कम से कम बुजुर्गों को जलालत व बेबसी की जिंदगी न जीनी पड़ेगी।"