दुषित हवा
दुषित हवा
"अरे बंटी ....आज जल्दी कैसे आ गया खेल कर, रोजाना तो कितनी आवाज़ें लगाने के बाद भी नहीं आता।"
"अरे मम्मा..... आज चिंटू तो आया नहीं, फिर किसके साथ खेलता, आप ही बताओ ? मैं उसको बुलाने गया तो उसकी मम्मी बोली चिंटू को अस्थमा हो गया है। अब वो कुछ दिन खेलने नहीं आएगा, मम्मी ये अस्थमा क्या होता है ?"
"अरे बेटा अस्थमा बहुत खतरनाक रोग है जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है।"
"लेकिन ये रोग क्यूँ होता है मम्मा।"
"अच्छा बैठ, मैं तुझे समझाती हूँ । देखो बेटा ये जो इतनी फैक्ट्रियां हैं ना इनकी चिमनियों से जो धुआं निकलता है, और शहरों में जो इतनी गाड़ियां चलती है उनके कारण जो धुआं निकलता है। वो धुआं चारों तरफ फैल जाता है और जब हम सांस लेते हैं उसके साथ हमारे फेफड़ों में चला जाता है। तुम्हें नहीं पता ये धुआं कितना जहरीला होता है जो हमारे शरीर मे जा कर कितने रोग पैदा कर देता है।"
"ओह मम्मा... ये तो बहुत डेंजर बात है क्या हम सबको भी अस्थमा हो जाएगा चिंटू की जैसे ?"
"हाँ बेटा, जैसे जैसे आबादी बढ़ती जा रही है वैसे वैसे गाड़ियां और फैक्ट्रियां भी बढ़ती जा रही है और हवा में प्रदूषण बहुत ज्यादा फैलता जा रहा है इसकारण ये रोग किसी को भी हो सकता है।"
"तो अब क्या होगा मम्मा, क्या इसको रोक नहीं सकते ?"
"बेटा रोक तो सकते हैं लेकिन उसके लिए हम सबको ही मिलकर प्रयास करने होंगे। जिस तरह हमने पूरी प्रकृति को नष्ट कर दिया जंगल काट डाले नदियों का पानी रोक दिया, खेत खत्म कर डाले, बड़े बड़े पहाड़ खत्म कर दिए चारों तरफ कंक्रीट का जंगल खड़ा कर दिया जिस कारण पृथ्वी का वातावरण दूषित हो गया जिससे सारी धरती का तापमान बढ़ रहा है, जिसके कारण हमारा जीना मुश्किल हो जाएगा।
"ओह मम्मा अब क्या होगा, आखिर कोई तो उपाय होगा ये सब रोकने का।"
"बेटा ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे जितनी भी खाली जमीन है वहाँ पौधे रोपने होंगे, तुम जानते हो ना ये पेड़ गंदी हवा को अपने अंदर खींच कर हमें शुद्ध हवा देते हैं, इसलिए पूरी धरती को फिर से हरा भरा करना होगा।"
"समझ गया मम्मा ....समझ गया आज ही अपनी कॉलोनी के सब बच्चों को साथ लेकर अपने आसपास की खाली ज़मीन पर पेड़ पौधे लगाना शुरु करते हैं। मुझे याद आ रहा है मम्मा हमारी टीचर ने भी कहा था पेड़ लगाओ जीवन बचाओ।