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तीन दिन भाग 12

तीन दिन भाग 12

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तीन दिन भाग 12

 

सब इस तरह मानव को घूरने लगे मानो उसके सर पर सींग उग आई हो। 

चंद्रशेखर के चेहरे पर  कुटिल मुस्कान आ गई। रमन गुंडप्पा और सुदर्शन भी पलक झपकते सारा माजरा समझ गए थे। सुबह से किया जा रहा चंद्रशेखर का अभिनय सफल रहा। उसने कातिल को बेनकाब कर दिया था। 

             मानव अचानक उठा और बाहर की ओर भागा। चंद्रशेखर ने उसका पीछा करना चाहा तो रमन ने मना कर दिया और बोले जाने दो चंद्रशेखर! फ़्लाइंग इज एन एविडेंस ऑफ़ गिल्ट! भाग-भाग कर भी कहाँ तक भागेगा! उसे उसके पापों की सजा मिलकर रहेगी।  

   फिर सब ने चंद्रशेखर से पूछा कि उसे मानव पर शक कैसे हुआ तो वह बोला मैं कल शाम से ही हर किसी पर कड़ी नजर रखे हुए था। रात भर जाग कर मैंने हर किसी को वॉच किया। बाकी सबका एक्शन सहज था पर मानव और नीलू जब बाथरूम की ओर गए तो मैंने इनका पीछा किया और अँधेरे में इन दोनों को एक दूसरे की बाहों में देख लिया फिर सारी कड़ियाँ खुद ब खुद जुड़ गयीं और बात आईने की तरह साफ़ हो गई।  

         लेकिन एक बात समझ में नहीं आई कि मानव ने बादाम और सदाशिव को क्यों मारा? सुदर्शन ने पूछा।

"यह सब तो मानव ही बता सकता है। अगर पकड़ में आ जाए" चंद्रशेखर बोला। 

फिर सब नीलू की ओर हिकारत भरी नज़रों से देखने लगे जो चेहरा छुपाये सिसक रही थी। नीलू ने पैसों के लालच में मंगतराम से शादी की थी पर वो इतना नीचे गिर जायेगी वो कोई नहीं जानता था। हत्या जैसे संगीन अपराध में शामिल होकर उसने अपना भविष्य खुद अंधकारमय कर लिया था। थोड़ी देर रोने के बाद उसने सर ऊपर उठाया और सहानुभूति की आशा में सबकी ओर देखा। पर सबकी आँखों में उसके लिए नफरत की चिंगारियां ही थीं। उसने अपनी प्यारी सहेली बिंदिया की बांह पर हाथ रख कर मानो सहानुभूति की याचना की पर बिंदिया ने बिफरते हुए उसका हाथ झटक दिया। बिंदिया गरीब पनवाड़ी की बीवी जरूर थी पर उसका पति और परिवार ही उसके लिए सबकुछ थे। जो स्त्री धन के लिए अपने पति का खून करवा सकती थी वो अब उसकी सहेली नहीं हो सकती थी।  

लोगों की यह हिकारत नीलू से बर्दाश्त नहीं हो रही थी। वो जोर-जोर से रोकर बचपन से आजतक की अपनी अभावों से भरी जिंदगी का हवाला देने लगी। फिर उसने एक बार और बिंदिया का हाथ पकड़ने की कोशिश की तो बिंदिया ने उसके मुंह पर थूक दिया। यह बर्ताव नीलू के लिए असह्य हो गया। वह झटके से उठी और इसके पहले कि कोई समझ पाता उसने हॉल के पीछे की खिड़की से छलांग लगा दी। पीछे सैकड़ों फ़ीट गहरी खाई थी। सब दौड़कर आये तो देखा कि नीलू का शव एक छिन्न भिन्न गुड़िया की तरह खाई में पड़ा हुआ था। 

कहानी अभी जारी है .......

अब  मानव का क्या हुआ ?

जिसकी पत्नी भी मरी और प्रेमिका भी !!

जानने के लिए पढिये भाग 13


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