Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Suvasmita Panda

Drama

4.3  

Suvasmita Panda

Drama

माफी

माफी

2 mins
305


हाथ में हाथ लिए निशा और रोहन एक साथ सुनी सड़क पर चले जा रहे थे। उनके आंखों में जैसे खुशी झलक रही थी, जैसे कोई जंग जितने की खुशी हो। जैसे ज़िन्दगी में कुछ बड़ा हासिल कर लिया हो। जैसे कुछ पा लिया हो बहुत मुद्दतों के बाद। कुछ देर में छुपाने की बहुत कोशिशें के बाद भी निशा के आंखों से आसुं छलक ही गए। उस आसुं में जैसे उसकी सालों की दर्द और ख्वाईश बेहे जा रहै थे। बिन कहे आसुं जैसे बहुत कुछ बोल रहे थे। खुद को संभाल न पाई और आसुं बेह गया जैसे छुप गया था घने बादलों के बीच, और अब बरस गया बिन बादल के भी।

रोहन हाथ थामा और पूछा - ये आसुं तुम्हारे दर्द के हैं या हमारे प्यार के ?

निशा - ये आसुं है प्यार में मिले उस दर्द की। ये आसुं है अपनों के बिना १० साल तक रहने की। ये आसुं है रूही ( निशा और रोहन की बेटी) के बिन नाना - नानी, बिन दादा - दादी के पलने की। ये आसुं है कॉलेज में की हुई हमारी वो गलती की जो हमें अपने परिवार से दूर ले गई। ये आसुं है हमारी प्यार की ,जीसे एक गलती समझ रहे थे दुनिया वाले। ये आसुं है उन १० सालों में पल पल बढ़ती हमारे मुहब्बत की। ये आसुं है उस इश्क की जो इतने कसौटीयों के बाद आज हमारे घर वालों को समझ आ गई।

रोहन - दर्द तो बहुत हुआ इन १० सालों में पर तुम्हारे साथ ने मुश्किलों को जैसे एक झटके में पार कर दीया । जब भी रूही को देखा सोचता रहता था "क्या मैं कभी खुद को माफ कर पाऊंगा तुम्हे तुम्हारे घर से दूर करने के लिए ? क्या में माफ कर पाऊंगा रूही की ऐसी कोई गलती को?"

निशा - "दूर तुमने नहीं किया था, घर छोड़कर आने की और तुम्हारे साथ रहने की मर्जी मेरी थी। मैने प्यार कीया था और उस प्यार के सहारे तुम्हारे साथ अाई थी। उन्हें छोड़ा नहीं था, बस तुम्हारा हाथ थाम लीया था ।

बातें करते करते दोनों घर तक पहुंच गए। जब घर के दरवाजे पर नॉक किया तो एक प्यारी सी लड़की बाहर खुशी से दौड़ते दौड़ते बाहर आयि ।

रूही - "पापा,ममा ! नाना नानी और दादा दादी आएं है घर पे। ( सालों बाद मिलने की खुशी ) ( अपनों को देखने की खुशी)

निशा - रोहन अब तुम खुद को माफी देदो। और उस दिल को समझा दो की प्यार है तो गीले सिकवे हैं, प्यार है तो गुस्सा हैं, प्यार है तो नाराज़गी है, और अगर प्यार सच्चा है तो माफी भी जरूर है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama