ख़ूनी गुड़िया भाग 11
ख़ूनी गुड़िया भाग 11
ख़ूनी गुड़िया
भाग 11
पुलिस के और अधिकारियों के आने तक स्नेहा होश में आ चुकी थी। उसने बताया कि सोफे पर बैठी गुड़िया स्नेहा को देखते ही आँखें मटकाने लगी थी और उसने वजनी वैक्यूम क्लीनर उठाकर मंगेश को मारने की कोशिश की थी फिर क्या हुआ उसे याद नहीं! मंगेश ने कहा कि गुड़िया ने नहीं बल्कि खुद स्नेहा ने उसे मारने की कोशिश की थी तो स्नेहा इंकार करती हुई फूट-फूट कर रो पड़ी। बाद में स्नेहा को गिरफ्तार करके पुलिस अस्पताल भेज दिया गया जहाँ डॉ अहमद ने जांच करके बताया कि स्नेहा भयानक मेंटल डिसऑर्डर की शिकार थी। बाद में राजू, मंदार, प्रीति और स्नेहा के अन्य दोस्तों के सामने मंगेश ने सभी राज़ खोले। सुनो! वह बोला, स्नेहा सीजोफ्रेनिया की मरीज़ है जिसका किसी को पता नहीं था। बर्थडे के दिन जब तुम लोग चले गए तब उसपर भयानक दौरा पड़ा और उसे गुड़िया की शैतानी हरकतें दिखाई पड़ने लगी जो हकीकत में नहीं हो रही थी और सब कुछ केवल उसके दिमाग की ही उपज थी। रमेश यादव के खून की घटना भी कपोल कल्पित थी। स्नेहा ने दूध की थैली लाकर खुद फ्रिज में रखी और भूल गई।
लेकिन सर! प्रीति बोली, वह शैतानी गुड़िया आखिर आई कहाँ से? हममें से तो किसी ने दी नहीं थी !
वह गुड़िया खुद स्नेहा ने खरीदी थी प्रीति! मंगेश ने राज़ खोला तो सभी चकरा गए, दरअसल वह कई दिनों से सीजोफ्रेनिया के थोड़े असर में थी उसने खुद जाकर एक दिन पहले वह गुड़िया खरीदी और खुद को गिफ्ट कर दी थी बाद में भूल गई। मैंने खुद बैंक के सी.सी.टी.वी में स्नेहा को दुकान से गुड़िया का पैकेट लेकर निकलते देखा था।
ओह! सभी के मुंह से निकला, लेकिन आपको शक कैसे हुआ?
जब स्नेहा ने रमेश यादव के क़त्ल की बात बताई और रमेश सकुशल निकला तब मुझे शक हुआ कि कुछ तो गड़बड़ है। बाद में स्नेहा ने कहा कि शर्मा आंटी गुड़िया ले गई और उन्होंने उसे फूलदान के पास रख दिया तब मेरा शक पक्का हो गया क्यों कि अगर गुड़िया ले जाने के बाद स्नेहा, मिसेज शर्मा के घर नहीं गई होती तो उसे यह बात कैसे पता चलती कि मिसेज शर्मा ने गुड़िया ले जाकर कहाँ रखी थी?
प्रीति, मंदार आदि प्रशंसात्मक ढंग से मंगेश को देखने लगे। फिर? उन्होंने पूछा।
मंगेश आगे बोला, ज़रूर स्नेहा गुड़िया दे देने के बाद शर्मा आंटी के घर गई होगी और सीजोफ्रेनिया के असर में उसने अचेतावस्था में फूलदान पटक कर उन्हें मार दिया होगा।
हाँ! राजू बोला, स्नेहा ने बताया था कि गुड़िया दे देने के बाद वह मिसेज शर्मा के दरवाज़े पर गई थी लेकिन उसने कॉलबेल पर ऊँगली रखने के बाद फिर हटा ली थी और लौट आई थी।
दरअसल वह लौटी नहीं होगी आगे वह अचेतावस्था में भीतर जाकर क़त्ल करके लौटी होगी पर उसे याद नहीं रहा होगा मंगेश बोला। आगे सभी चीजों के फोरेंसिक सबूत मिल जाएंगे।
सभी सहमति में सिर हिलाने लगे।
लेकिन सर! आपका उस गुड़िया के कारण एक्सीडेंट हो गया उसका क्या? राजू बोला
यही अंधविश्वास तो मुसीबत की जड़ है राजू! संयोग से मेरा एक्सीडेंट हो गया तो मेरे मन में भी यही दुश्चिंता उठने लगी लेकिन जब मैं डॉ.अहमद से मिला तब मेरे सभी संशय दूर हो गए।
आज यहाँ आकर क्या हुआ सर? मंदार बोला
मेरे आने पर स्नेहा की मुखाकृति बदलने लगी तो मैं समझ गया कि यह दौरे के असर में है फिर जब वह चाय बनाने गई तो मैंने गुड़िया निकालकर सोफे पर रख दी, मैं स्नेहा की प्रतिक्रिया देखना चाहता था कि गुड़िया देखकर वह क्या करती है और सच में गुड़िया देखते ही उसपर दौरा पड़ गया और वह वैक्यूम क्लीनर लेकर मुझपर टूट पड़ी, तब मैंने उसे बेहोश कर दिया लेकिन तभी राजू ने आकर सब दृश्य देखा और ग़लतफ़हमी का शिकार होकर मुझसे जूझ गया।
आई एम सॉरी सर! राजू शर्माता हुआ बोला।
ईट्स ओके राजू! मंगेश उसके कंधे पर हाथ रखकर बोला, तुम्हारी जगह पर कोई भी होता तो वही करता। डोंट वरी!
अब स्नेहा का क्या होगा सर? राजू ने पूछा
उससे अनजाने में और बीमारी की हालत में अपराध हो गया है यह उसने जानबूझ कर नहीं किया है फिर भी देखते हैं, मंगेश बोला, फिलहाल तो उसका इलाज चलेगा, बाद में कोर्ट जैसा कहे।
बाद में स्नेहा इलाज से पूरी तरह ठीक हो गई और कोर्ट ने मामले को समझते हुए उसे बरी कर दिया लेकिन निर्दोष मिसेज शर्मा की मौत का दुःख आजीवन स्नेहा के मन में बना रह गया।