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हजार का नोट भाग 9

हजार का नोट भाग 9

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हजार का नोट 

भाग 9

मड आइलैंड के उजाड़ समुद्र तट पर गैब्रियल अंधेरे समुद्र पर नजरें गड़ाए बैठा हुआ था।  उसकी आँखों पर ऐसा चश्मा चढ़ा हुआ था जिसमें से अँधेरे में भी साफ़-साफ़ नज़र आ रहा था। उस्मान कानिया के और कई आदमी उसके इर्द गिर्द यूँ छितराये हुए थे कि वैसे तो नजर नहीं आ रहे थे पर पलक झपकते ही मदद को आ सकते थे। लेकिन वे यह नहीं जानते थे कि रहमान अंसारी भी अपने गुर्गों के साथ वहीँ मौजूद था और वह जानता था कि तीन बजे उस्मान कानिया सोना वसूल करेगा तब उससे सोना छीना जा सकेगा जो असल में उसकी ही मिल्कियत थी। ठीक पौने तीन बजे समुद्र की ओर से छग छग की आवाज आई और थोड़ी देर बाद एक हलकी सी आकृति नजर आई। थोड़े ही समय में मोटरबोट से शक्तिशाली टॉर्च की रौशनी समुद्रतट की दिशा में जलने बुझने लगी। इधर से गैब्रियल ने भी एक टॉर्च से रौशनी की किरण मोटरबोट की दिशा में फेंक कर जलाई बुझाई। मोटरबोट तत्काल गैब्रियल की दिशा में बढ़ आई। नजदीक आकर मोटरबोट का इंजन बंद हो गया और उसके डेक पर एक दुबला पतला अंग्रेज प्रकट हुआ। गैब्रियल दौड़कर मोटरबोट तक पहुंचा और उसने अंग्रेज कैप्टन से हाथ मिलाया और अपने पॉकेट की जेब से हजार का फटा हुआ नोट निकाल कर उसे सौंप दिया। अंग्रेज ने भी अपनी जेब से उसी नोट का दूसरा भाग निकाला और उसे जोड़कर देखने के बाद संतुष्टिपूर्ण ढंग से सिर हिलाया।फिर किसी अज्ञात भाषा में उसके कुछ बोलते ही मोटरबोट के भीतर से दो खलासी टाइप के आदमी एक वजनदार लकड़े की पेटी उठाये बाहर आये और उन्होंने समुद्र की रेत पर वह बक्सा रख दिया। गैब्रियल की बांछें खिल गई। लेकिन वह जैसे ही वह अपने आदमियों को बुलाकर बक्सा हथियाने को कहता उस अंग्रेज ने कर्कश स्वर में पूछा, मनी? वेयर इज मनी?

गैब्रियल हड़बड़ा गया। उसे पता नहीं था कि डील में कैश भी देना था।  

रहमान अंसारी दूर अँधेरे में बैठा इस घटनाक्रम का मजा सा ले रहा था। उसकी गाड़ी में पांच करोड़ की करंसी पड़ी थी। चूँकि वह असली पार्टी था इसीलिए उसे पता था कि सोना पाने के लिए पांच करोड़ का भुगतान अपेक्षित था। यह बात गैब्रियल नहीं जानता था। अंग्रेज कैप्टन ने घोटाला भांपते हुए अपनी पॉकेट से गन निकाल ली और उसे गैब्रियल पर तानते हुए अपने आदमियों से बक्सा फिर उठाकर मोटरबोट पर रखने को कहा। 

अब चुप रहना बेवकूफी होती। रहमान अंसारी खुले में निकल आया और अपनी टूटी फूटी अंग्रेजी में कैप्टन को समझाने लगा, आई एम रियल पार्टी कैप्टन। आई हेव मनी। आई विल गिव यू मनी! 

     कैप्टन अचानक रहमान की एंट्री से गड़बड़ा सा गया। उसका ध्यान बंटते ही गैब्रियल ने चीते की फुर्ती से कैप्टन पर छलांग लगा दी। अचानक मोटरबोट के भीतर से शक्तिशाली ऑटोमेटिक राइफल से गोलियों की ऐसी बौछार हुई जिसने गैब्रियल के शरीर को छलनी कर दिया। मोटरबोट के भीतर कोई शूटर ऐसी ही स्थिति से निपटने के लिए तैनात था। इस गड़बड़झाले से कैप्टन उद्वेलित हो गया और उसने रहमान को भी शूट करने का आर्डर दे दिया लेकिन रहमान भारी वजन का होते हुए भी काफी तेज था वह बिजली की तेजी से रेत में गिर पड़ा और बच गया लेकिन उसे लक्ष्य करके चलाई गई गोलियां उसके पीछे खड़े उसके दोनों पिट्ठुओं को लगी और वे मारे गये। उस्मान कानिया के दो आदमी जान बचाकर भाग खड़े हुए। रहमान गुस्से से उबलने लगा।उसने कैप्टन को एक भद्दी सी गाली देते हुए फायर किया। कैप्टन सिर झुकाकर मोटरबोट में घुसना ही चाहता था कि रहमान की चलाई गोली उसकी गर्दन में  जा लगी। वह निशब्द मोटरबोट से पानी में जा गिरा। तुरंत मोटरबोट का इंजन स्टार्ट हुआ और वो ये जा वो जा हो गई।  सोने से भरा बक्सा रेत पर पड़ा रह गया। रहमान अंसारी के पांच करोड़ भी बचे रह गए।  इसे कहते हैं किस्मत!  वह रेत झाड़कर खड़ा हो गया और सोने से भरे बक्से को सहलाने लगा फिर जैसे ही बक्सा खोलकर अंदर झाँकने लगा अचानक एक दिशा से फायर हुआ और एक गोली आकर उसकी छाती में धंस गई। रहमान मुंह के बल बक्से में ही गिर पड़ा। रिवाल्वर की नली को फूंक मारता अँधेरे से उस्मान कानिया प्रकट हुआ। अब उस उजाड़ समुद्र तट पर सोने के बक्से के साथ उस्मान अकेला था। उसने जाकर बक्से में झाँका और रहमान को हाथों से उठाकर बाहर धकेल दिया। रहमान की साँसें अभी फंस फंस कर चल रही थी, रिवाल्वर अभी उसके ही हाथ में थी और उसमें थोड़ा होश बाकी था। उसने पूरा जोर लगाकर लिबलिबी दबा दी। उस्मान के चेहरे से गोली टकराई और वो तुरंत गिरकर मर गया। सोने का बक्सा सूनसान उजाड़ समुद्रतट पर पड़ा रह गया।कई लाशें भी इधर उधर पड़ी थीं। बगल में ही हजार के नोट के दोनो फटे टुकड़े रेत में दबे फड़फड़ा रहे थे।


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