एक बार तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबकी लगा लूँ
एक बार तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबकी लगा लूँ
हर लहर पे जो दिल पे थी उठी
तेरे नाम से ही उसकी उम्र थी बढ़ी
मैं खामोश ख्यालों में खोता गया
तेरी यादों का सुरूर जवां होता गया
दिल फिर बोला यादों की बारिश में नहा लूँ
एक बार तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबकी लगा लूँ
पहले आया चेहरा वो हँसता हुआ तेरा
गालों में जो गड्ढ़े थे, दिल उनमें गिर गया मेरा
सोचा की आँखों से नाप लूँ गहराई उनकी
पर तेरी नज़रों को पता न चले, हसरत दिल की
जो झाँका तेरी निगाहों में, सोचा इस नशे को आज मैं भी जी लूँ
एक बार तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबकी लगा लूँ
फिर आया नज़र, चेहरा जो रूठा है मुझसे
सोचा कैसे मिलूं, कैसे करूं, अब बातें तुझसे
हंसने के सारे कारण, बेईमानी से लगे
जो तुझे हंसा न सके, वो लफ्ज़ भी अब नाकाफी ही लगे
सोचा कि ख्यालों में ही तुझको हंसा दूँ
एक बार तेरे ख्यालों की दुनिया में डूबकी लगा लूँ