दोस्ती और दुश्मन
दोस्ती और दुश्मन
दोस्ती किसकी अच्छी लगती है जो साथ निभाए दोस्त वो नहीं जो वार करता हो दोस्त वो है जो वार करने वालो से बचाए दोस्त को लोग भूल जाते है कुछ चाहत के चक्कर में। एक दोस्त आगे और एक दोस्त पीछे इस से दोस्ती खत्म नहीं होती ये दोस्ती केवल नाम की होती। मोबाइल से टूटते दोस्ती के रिश्ते जो दरार बन जाते है। दोस्त वह नहीं जो आपको गलत संगत दिखाए दोस्त वह है जो आपको गलत संगत से बचाए। आजकल तो नकली दोस्ती चल रही है कपड़ों की तरह बदल रही है। आपका जीवन तब प्यारा है जब दोस्त अच्छी शिक्षा देने वाला है।
अब बात करते हैं दुश्मन की जब दोस्ती में प्रेम खत्म हो जाता है तो दुश्मन बन जाता है दुश्मन तब बन जाते है जब आपके पीठ पीछे वार और मज़ाक का मंजर चलता है। दुश्मनी हर कोई निभा सकता है लेकिन दोस्ती कम लोगो की ही दिखेगी। आपके आस पास कैसे और किस तरह के लोग रहते है दुश्मन बनाने वाले या दोस्त बनाने वाले।
दुश्मन की गिनती अगर बढ़ जाए तो ये खतरनाक रूप ले लेती है। एक महिला और लड़की संपर्क आपकी दोस्ती में दरार डाल सकती है। अमीरी और गरीबी भी आपकी दोस्ती में दरार डाल सकती है। लड़का और लड़की दोस्त नहीं बन सकते क्योंकि ये प्रेम और दुश्मनी दोनों कर सकते है। आप खुद को पसंद करके ही दोस्त बना सकते हो और दुश्मन भी। जलन भाव दुश्मनी का सबसे बड़ा रूप है जो जिस से जला वह उसका दुश्मन बना। दुनिया में दो चीजें चलती है दुश्मन और दोस्ती।