होशियारी
होशियारी
बदलापुर नाम का एक गाँव था।
उस गाँव में आदर्श नाम की पाठशाला थी। उस पाठशाला में राम और श्याम नाम के लड़के पढ़ रहे थे। दोनों अच्छे दोस्त थे। राम पढ़ाई में अच्छा था पर श्याम उतना नहीं था। राम की पढाई अच्छी होने के कारण उसके अंक भी अच्छे आते थे और श्याम को अंक अच्छे नहीं मिलते थे।
श्याम के घरवाले उसे ताने देते थे कि राम को देखो वह तुम्हारा अच्छा दोस्त है। उसे देखो वह कितना होशियार हैं और तुम ठीक से पास भी नहीं हो पा रहे। यह सब सुनकर उसे बहुत बुरा लगता था। इस कारण वह अब राम से थोड़ी नफरत करने लगा था।
दूसरी तरफ राम को भी अपने अंकों पर घमंड होने लगा था पर श्याम कुछ नहीं कर सकता था क्योंकि राम उसका बचपन का दोस्त था। एक दिन राम और श्याम नदी के किनारे घूमने गए और घूमते-घूमते राम का पैर फिसलन वाली जगह होने के कारण फिसल गया। वह सीधा नदी में गिर गया और नदी के बहाव में बहने लगा। श्याम को तैरना आता था। उसने कुछ सोचे बिना ही नदी मे छलांग लगा दी और तैरते हुए राम को बचा लिया।
राम ने श्याम को धन्यवाद दिया।
राम को यह बात समझ में आ गई की किसी को कम नहीं समझना चाहिए। श्याम को भी अपनी इस खूबी की पहली बार अनुभूति हुई।