Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

चॉकलेट

चॉकलेट

6 mins
745


"आज मेरी दीदी ने मुझे चॉकलेट दी।" पप्पू ने होंठों को चपचपाते हुए कहा।

"अच्छा तूने चॉकलेट खाई ? वाह।" रघु ने खुश हो कर कहा। पप्पू और रघु के लिए तो चॉकलेट खाने की बात तो दूर देखना भी ख़ुशी की बात थी।

"हाँ, मैने आज चॉकलेट खाई।" पप्पू ने सिर हिलाते कहा।

"अच्छा, कैसी थी चॉकलेट ?" रघु ने उत्सुकता से देखते हुए पप्पू से पूछा।

"गोल और रंगीन थी। उससे खुशबू भी आ रही थी।"

"अच्छा ! कैसी खुशबू ?" रघु ने पूछा।

"हम जब माँगने जाते हैं तब एक ठेले गाड़ी के पास खड़े होते हैं। उस गाड़ी में हमिम चाचा पीले रंग के गोल- गोल फल बेचते हैं तुझे याद है न, उन फलों से जो खुशबू आती है, वो वाली खुशबू।" होंठों को गोल करके कहा।

"अच्छा ! कमला फल की ख़ुशबू, वाह ! खाने में कैसा था ? मेरी दादी कह रही थी चॉकलेट मीठी होती है।" रघु ने कहा।

"हाँ थोड़ी सी खट्टी मीठी थी।"

"अच्छा खट्टी भी और मीठा भी ? लेकिन मीठी खाने में कैसी लगती है ? "रघु ने जीभ लपलपाते पूछा।

"बहुत स्वादिष्ट होती है। चीनी जैसी।" पप्पू ने कहा।

"चीनी ? हाँ जब मैं अपने घर पर था तब मेरे पापा चाय बनाते थे। उस चाय में चीनी ड़ालते थे और वो मीठी होती थी।" रघु ने कहा।

"पता है आज खाने में चावल भी लायी थी दीदी। बहुत लोग आये थे खाना खाने। बहुत पकवान बने थे, बहुत अच्छी अच्छी खुशबू आ रही थी किचन से।" पप्पू ने कहा।

"किचन क्या होता है ?" पाँच साल के रघु ने पूछा।

"अरे बुद्धू ! जहाँ दीदी काम करने जाती है न उनकी रसोई को किचन कहते हैं। उनके घर पर एक छोटे बच्चे का जन्म हुआ है इसलिए खुशियाँ मना रहे थे।" पप्पू ने कहा।

"तो उस बच्चे ने बहुत चॉकलेट खाई होगी ना ?" रघु ने जीभ से होठों को चाटते हुए पूछा।

"अरे नहीं वह तो बहुत छोटा बच्चा है फिर कैसे खाएगा चॉकलेट ?" पप्पू ने कहा।

"बड़े लोग भी बड़े अजीब होते हैं। जिसके लिए इतना कुछ किया वो खा नहीं सकता फिर भी खाना खिलाये जा रहे थे और हम खा सकते हैं पर हमें खाना नहीं मिलता।" रघु दुःखी हो कर बोला।

"हूँ.." थोड़े देर के लिए पप्पू भी दुःखी हो गया। फिर कहा, "हाँ, वह तो चॉकलेट खा नहीं सकता लेकिन हमारे जैसे बच्चे बहुत आये थे, खाना खाया, नाच गाना भी हुआ, बहुत मज़ा किया। दीदी कह रही थी।"

"माँ कहती थी जिनके यहाँ बहुत पैसा होता है न वे ऐसे ही करते हैं।" रघु ने कहा।

"रघु ! पैसा क्या होता है ?" पप्पू ने फिर से पूछा।

"हमको माँगने से जो मिलता है ना गोल-गोल चमकीला।" रघु ने कहा।

"उसे तो चिल्लर कहते हैं फिर उससे इतना कुछ कर सकते हैं ?" पप्पू ने पूछा।

"हाँ, ढेर सारे चॉकलेट भी खरीद सकते हैं लेकिन बहुत पैसा कमाना पड़ता है।" रघु ने अपने दोनों हाथों को फैला कर दिखाते हुए कहा।

"पर हमारे हाथ से पैसे साहब छीन लेता है ना फिर हम कैसे कमाएँगे पैसे ?" पप्पू ने कहा।

"हम भी एक दिन बड़े आदमी बनेंगे और खूब पैसा कमाएँगे।" रघु ने कहा।

"वो तो पहलवान चाचा छीन लेगा।" पप्पू फर्श की ओर देखते हुए कहा।

"तब मैं बड़ा हो जाऊँगा ना उसे ढिशूम ढिशूम मारूँगा। बेल्ट से भी मारूँगा। फिर उसके हाथ से पैसे छीन लूँगा, देखना।" हाथ और पैर चलाते गुस्सा दिखाते कहा रघु ने।

"तब ना मैं भी उसे मारूँगा, ढिशुम ढिशुम।" छह साल के पप्पू ने कहा और जोर जोर से हँसने लगा, साथ में रघु भी हँसते हुए लोटपोट हो गया।

"पैसा कमा कर क्या करेगा तू ?" फिर पप्पु ने पुछा।

"मीठी मीठी चॉकलेट खाऊँगा।" आँख नचाते हुए रघु ने कहा।

"फ़िक्र मत कर एक दिन मैं तुझे चॉकलेट खिलाऊँगा।" पप्पू ने रघु के हाथ पर हाथ रख कर कहा। "अच्छा तू मुझे चॉकलेट खिलाएगा ?" ख़ुशी से पूछा रघु ने।

"हाँ।" पप्पू ने कहा।

"लेकिन पैसा कहाँ से लाएगा ?"

"मैं कमाऊँगा और तेरे लिए चॉकलेट लाऊँगा।"

दूसरे दिन भीख माँगने चौराहे पर गए पप्पू को एक रुपया भी नहीं मिला। ट्रैफ़िक में खड़े गाड़ियों के पास जाकर उनसे कुछ पैसों के लिए हाथ फैलता रहा। "बाबू, एक रूपया दे दो।"

शाम होने लगा लेकिन कहीं से एक रुपया भी जुटा नहीं पाया। उसे यक़ीन था आज पहलवान चाचा उसको छोड़ेंगे नहीं। आज उसने एक रूपया भी कमा नहीं पाया और रघु को चॉकलेट खिलाने का वादा भी किया है। दोपहर को भी उसे भूखा रहना पड़ा। एक तरफ पेट में चूहे दौड़ रहे थे दूसरे तरफ एक रुपया भी उसे भीख में नहीं मिला।

आखिरकार वह अपने फटे हुए शर्ट उतार कर उस शर्ट से ट्रैफिक की लालबत्ती के सामने खड़े एक एक कर गाड़ी साफ़ करने लगा। कहीं तिरस्कार मिला तो कहीं उसे देखकर भी अनदेखा कर दिया गया। तब उसे रास्ते की दूसरे ओर एक भिखारन सी बूढ़ी औरत दिखी जिसने अपने आँखों में काला चश्मा पहन रखा था और एक हाथ में लाठी का सहारा लिए खड़ी हुई थी। वह बहुत देर से रास्ता पार करने की कोशिश कर रही थी पर चलती गाड़ियों के बीच से रास्ता पार करने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी। पप्पू ने उस वृद्धा के पास जा कर उसका हाथ पकड़ कर कहा "माई, चल मैं तुम्हे रास्ता पार करा देता हूँ।" कह कर उसे धीरे रास्ता पार कराया।

"माई, अब धीरे धीरे जा, कहो तो घर तक छोड़ आऊँ ?" पप्पू ने पूछा।

"नहीं बेटा, यहाँ से मैं घर चली जाऊँगी। तेरा लाख-लाख शुक्र है।" कहकर उसे आशीर्वाद देते हुए उसके सिर पर हाथ फिराया और कहा, "रुक एक मिनट।" फिर उसकी झोली से हाथ ड़ाल कर ढूंढते हुए एक रुपया निकाल कर पप्पू के हाथ में दिया। पप्पू उस एक रुपये को देख खुश हो गया। "शुक्रिया माई, बहुत बहुत शुक्रिया।" कहते हुए वह वहां से चला गया।

उस रुपये को ले कर पप्पू ने रास्ते के किनारे ठेले गाड़ी में पाव बिकते देखा। उसे भूख तो लग रही थी लेकिन वह पास वाली दुकान के दुकानदार के पास गया। इधर उधर देखा, उसे डर था कि कहीं पहलवान दादा उसे देख न लें। अगर पहलवान के आदमी देख लेंगे तो पैसा भी छीन लेगा पिटाई भी होगी। दुकानदार को एक रुपया दे कर एक चॉकलेट खरीदा और उसकी फटी हुई शर्ट के कॉलर में ऐसे छिपाया जैसे उसका पहलवान चाचा के पकड़ में आ न सके। पप्पू को पता था पहलवान आज उसे बहुत मारने वाला है क्यों कि उसने आज एक भी पैसा नहीं कमाया था।

रात के 9.30 बजे जब पप्पू झोपड़ी में गया तब रास्ते में ही पहलावान उसे रोक लिया और पैसे निकालने को कहा। पप्पू के पास पैसे नहीं थे तो वह कहाँ से लाता ? डर से उसने पैसे न होने की बात कही तो उसके जेब की तलाशी ली गयी। पैसे नहीं मिलने पर बेल्ट से उसकी खूब पिटाई हुई, लहु लुहान पप्पु को घसीट कर झोपड़ी के एक कोने में फैंक दिया गया। उसे रात का खाना भी नसीब नहीं हुआ। कुछ समय बाद जब रघु कमरे में आया पप्पू को लहुलुहान देख रो पड़ा। बेबसी और भूखे पेट ने उनके मुँह पर ताला ड़ाल रखे थे। कोने में रखी टूटी हुई मटकी से पानी निकाल कर उसे पिलाया। रघु, पप्पू की हालत देख रोने लगा। उसकी तक़दीर को कोसने लगा माथा पिटते हुए उसने घाव को कपड़े से साफ़ किया। मुश्किल से पप्पू उठ कर बैठा और मुस्कुरा कर मुठ्ठी खोला और कहा, "देख रघु, तुझे कहा था न चॉकलेट लाऊँगा ये ले तेरे लिए चॉकलेट छुपा कर लाया हूँ।"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama