गपसप की महत्व
गपसप की महत्व
काँचन ने माँ को पूछा,
"माँ टीचर ने कहा सुबह और शाम के हल्के से धूप में खेलना सेहत के लिए अच्छी होती है।"
"हाँ सही तो है।" काँचन की माँ मेघमाला ने कहा।
"माँ धूप में ऐसा क्या जादू है जो हमें ताकतवर बनाती है?
"है ना सूरज में वह ताकत है जो हमारी कमजोर हड्डियों को ताकतवर बनाती है ये जादू ही तो है।"
"मगर वह कैसे?" 12 साल की काँचन ने पूछा।
"अच्छा ये बताओ सूरज के बिना तुम क्या कर सकते हो?"मेघमाला ने पूछा।
"कुछ नहीं, रात हो जाती है ना माँ, और रात को अंधेरा हो जाता है और सब सो जाते हैं।" काँचन ने कहा।
"बिल्कुल सूरज न हो तो जीवन में भी ऐसी ही अंधेरा छा जाएगी। हम पूरी तरह सीधे खड़े नहीं हो पाएंगे। फिर सोचो जब तुम सीधे खड़े ही नहीं हो पाओगे तो क्या करोगे।"
"दादी अम्मा जैसे चलती है वैसे चलना पड़ेगा ना?" गाल पर हाथ रख कर आँखे बड़े करके कहा काँचन ने।
"सच, यही तो बात है, अगर कमर लुढ़क जाएगी तो हम सीधे खड़े भी नहीं हो सकेंगे फिर खेल कूद कैसे करेंगे? ऊँची पढ़ाई कैसे करेंगे? और हमारे सपनों को कैसे साकार करेंगे?"
"तो हमें क्या करना होगा?"
"सुबह और शाम के हल्के से धूप से खेलो कूदो और व्यायाम करो।"जरूर अम्मा। मैं खुद भी हल्की धूप में खेलूँगी और मेरे दोस्तों को भी बताऊँगी।" काँचन दौड़ कर शाम के गुनगुने धूप में खेलने चली गयी। मेघमाला चुपके से मुस्कुराई।