Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Aprajita 'Ajitesh' Jaggi

Inspirational

5.0  

Aprajita 'Ajitesh' Jaggi

Inspirational

काजल की कोठरी

काजल की कोठरी

2 mins
565


रूपेश की नई - नई नौकरी लगी। रोजगार योजना के अंतर्गत वेतन बांटने का काम। उसने सुना था की उससे पहले वाले बाबू सब से पांच टका रिश्वत ले कर ही वेतन देते थे। रुपेश ने सोच रखा था की वह अपना काम पूरी ईमानदारी से करेगा। जल्द ही ये बात सब को पता चल गयी की वह कोई रिश्वत नहीं लेता। 

एक दिन मंगलू उस के पास आया और उसे बताया की पहले बाबू को वो रिश्वत नहीं दे पाया तो उन्होंने उस के पूरे बीस हजार रुपये अभी तक रोके हुए थे। रुपेश ने कागजात जांचे तो मंगलू की बात सही निकली। उसने तुरंत बड़े अधिकारी से फाइल पास करवा मंगलू को उसके बकाया रूपये दिलवा दिए। 

अगले दिन मंगलू एक छोटा सा लिफाफा ले कर उसके पास आया। उसके साथ काम करने वाले बाकी बाबुओं ने देखा की उसने पहले मंगलू से लिफाफा नहीं लिया पर फिर मंगलू के कहने पर लिफाफा खोल कर अंदर झाँका और फिर मुस्कुरा कर ले लिया। 

सारे बाबुओं को यकीन हो गया की रुपेश ने जरूर रिश्वत ली है। वो तो इसी दिन का इन्तजार कर रहे थे। तुरंत बड़े अफसर के पास शिकायत कर दी। बड़े अफसर भी ऐसे मौके की ताक में थे । तुरंत रुपेश की सीट पर पहुँच कर दराज़ से लिफाफा जब्त कर उसे सुनाने लगे। रुपेश उनका व्यहवार देख अचंभित था। 

आखिरकार बड़े अफसर ने लिफाफा खोला और उनके चेहरे का रंग उड़ गया। 

अंदर थोड़ा सा प्रसाद था। जो मंगलू ने बांटा था अपने बीस हजार रूपये मिलने की खुशी में। 

अब सब के चेहरे काले पड़ गए। 

बस रुपेश का चेहरा चम -चम चमक रहा था, उस घुप्प अँधेरे में।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational