Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

सहारा

सहारा

4 mins
14.7K


"प्राजी अगर कोई प्राब्लम न होवे तां, तुस्सी विंडो वाली सीट मैनूं दे सकदे हो।" उस स्मार्ट से सिक्ख नौजवान ने कहा तो बहुत प्रेम से था लेकिन फिर भी अनचाहे ही मैं अनमना सा हो गया।
.......विवाह के बाद ये पहली बार था जब मैं पत्नी को लेकर बर्फीली वादियों में घूमने जा रहा था और 'डीलक्स' बस में मिली आख़िरी खिड़की वाली सीट पर बैठने के अहसास के बीच रोमांस भरे सफर के बारें में सोचकर ही मैं रोमांचित हो रहा था तो जाहिर है ऐसे में उस युवक की बात से मेरा मूड अपसेट होना स्वाभाविक ही था।

मेरी ओर से कोई जवाब न मिलता देख और चेहरे पर आई दुविधा को भांप उस युवक ने इस बार अपनी बात दोहराते हुए कारण भी बता दिया। "देखिये, दरअसल मैं सिगरेट पीता हूँ और मेरी वजह से आप को कोई 'प्रॉब्लम' न हो इस लिए मैंने आप से 'विंडो सीट' के लिए कहा।"

अब बात मेरे सोचने की थी क्यूंकि एक तो पत्नी को सिगरेट के धुएं से हमेशा ही दिक्कत रहती थी और फिर दुसरे, इस मुद्दे पर किसी तरह की कोई बहस करके हम सफर का मजा भी खराब नही करना चाहते थे लिहाज़ा हमने खिड़की वाली सीट का मोह त्याग, उस युवक को सीट देने का फैसला कर लिया।........

सफर शुरू हो गया और वक़्त के साथ साथ बस ने भी 'गति' पकड ली। हम पति पत्नी भी अब उसकी मौजूदगी पर अधिक ध्यान न देकर अपने रोमांस में खो गए। हां बीच-बीच में उस सिक्ख युवक से भी हलकी फुलकी बात का दौर चल निकला। इसी बीच उस युवक की कही एक बात ने बातों का रुख कहीं और ही मोड़ दिया।

"प्राजी मैनू सिगरेट पींदे देख तुवानु हैरानी तां बड़ी होयी होवेगी (भाई जी आप को मुझे सिगरेट पीते देख हैरानी तो काफी हुयी होगी)।"

ये सच भी था की एक सिक्ख को सिगरेट पीते देख हम दोनों स्वाभाविक तौर पर हैरान भी थे क्योंकि इससे पहले कभी हमने ऐसा देखा नही था लिहाजा हमने मुस्कराते हुए उसकी बात पर सहमती जता दी।

"प्राजी मेरा नाम जसमीत है, ते मैं जम्मु दा रहन वालां वां... ओह सॉरी मैं अपनी कहानी हिंदी में कहता हूँ, ज्यादा अच्छा रहेगा।" उसने हमें मुस्कराता देख शायद अपनी बात हिंदी में कहने का विचार किया। "प्राजी मैंने कुछ साल पहले देश सेवा के लिए आर्मी ज्वाइन की थी और ट्रेनिंग के बाद मेरी पहली पोस्टिंग में ही मुझे "शान्ति सेना" (श्रीलंकायी संघर्ष में) का हिस्सा बन, देश की सेवा करने का मौका मिला था। लेकिन उसी दौरान घने जंगलो में संघर्ष के बीच हम आर्मी वालों को कई बार ऐसे हालातों का सामना करना पड़ता
कि उस वक्त मेरे अन्दर की देश भक्ति और मेरी हिम्मत मुझे अक्सर धिक्कारने लगती।"

अब हम दोनों पति-पत्नी बड़े ध्यान से उसकी बात सुनने लगे थे, जसमीत के चेहरे पर भी अब एक अजीब सा दर्द झलकने लगा था।

"प्राजी सच कहूं उस समय तक मैंने कभी सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाया था।" उसने हाथ में पकड़ी सिगरेट का एक गहरा कश लिया और अपनी बात कहना जारी रखा। "लेकिन ऐसे ही कई बार हुए संघर्षों के दौरान जब हमें हथियारों के साथ उन श्रीलंकाई लोगों से सामना करने पर 'फायर' का आदेश दिया जाता और उसके बाद हमारे निशाने पर जो भी सामने आता, हमें उनमे सिर्फ एक ही रंग दिखाई देता, वह था लाल रंग यानी खून का रंग। जो कभी जवान, कभी उमरदराज और कभी-कभी बच्चो की शक्ल में सामने होता था। और यही लाल रंग का खेल, जब हम अपने 'कैम्पस' में लौटते तो अक्सर हमारी रातों को इतना खौफनाक बना देता था कि हम सोने के लिए अपनी आँखें तक बंद नहीं कर पाते थे।...... बस प्राजी ऐसे ही किसी समय में मन के सकून के लिए मेरे एक साथी ने मुझे ये सिगरेट हाथ में थमा दी थी और शायद तब यही मेरा सहारा भी बनी थी।" कहते कहते जसमीत चुप हो एक नई सिगरेट सुलगाने लगा था और अनायास ही हमारे बीच एक ख़ामोशी छा गयी थी।
"...... हाँ अब जरूर ये मेरी आदत बन गयी है जिसे मैं चाहकर भी नहीं छोड़ पा रहा हूँ।" कहते हुए जसमीत ने सुलगाई हुयी सिगरेट का एक लंबा कश लिया और मुस्कराने लगा।

लेकिन हम दोनों पति-पत्नी अब चाह कर भी नहीं मुस्करा पा रहे थे, हमारा रोमांस जाने कहाँ उस 'लाल रंग' की उदासियों में खो गया था और शेष सफ़र में भी हम सिर्फ सोचते रहे और सिर्फ सोचते रहे....... न जाने क्यों ?

विरेंदर 'वीर' मेहता

 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational