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शिखा श्रीवास्तव

Children Stories Inspirational

1.0  

शिखा श्रीवास्तव

Children Stories Inspirational

जंगल में मंगल

जंगल में मंगल

3 mins
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एक नन्हा सा भालू था, जिसका नाम गोलगप्पु था। वो हमेशा जंगल में सबकी मदद करता था और शाबाशी पाता था। वहीं एक बदमाश बन्दर रोमु भी रहता था। रोमु सबको चिढ़ाता और तंग करता रहता था। सब उससे बचकर ही रहने की कोशिश करते थे।

एक दिन जंगल में एक शिकारी आया। जब जानवरों को इसकी भनक हुई तो अमंगल की आशंका से सभी भयभीत हो गए।

ऐसे मुश्किल वक्त में गोलगप्पु आगे आया और उसने सबसे कहा "साथियों, अगर हम एक होकर रहें तो कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।"

रोमु मुँह बनाते हुए बोला "हुँह,, बित्ता भर का होकर सबको सीख देता है। मैं तो ऊँचे पेड़ पर कूदकर चढ़ जाऊँगा। तुम लोग अपनी फिक्र करो। तुम सबको शिकारी से कोई नहीं बचा सकता।" सभी जानवरों ने रोमु को डाँटकर वहाँ से भगा दिया और कुछ वक्त के लिए दूसरे जंगल में जाने की योजना बनायी।

किसी ने भी रोमु को इस योजना में शामिल नहीं किया।

सब शिकारी से छुपते-छुपाते, बचते-बचाते, एक दूसरे का साथ निभाते हुए उस जंगल से सुरक्षित चले गए।

अगली सुबह जब रोमु बन्दर की आँख खुली तब उसने खुद को शिकारी के जाल में फँसा हुआ पाया।

शिकारी को सामने मुस्कुराता हुआ देखकर उसे पसीने आने लगे।

रोमु ने सभी जानवरों को मदद के लिये पुकारा लेकिन वहाँ था ही कौन जो उसकी आवाज़ सुनता।

उसने बचने की बहुत कोशिश की लेकिन पछतावे के अलावा उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा।

रोमु को अपनी सारी शैतानीयां याद आने लगी पर अब तो वो सब बीती कहानी हो चुकी थी।

संयोग से जब शिकारी रोमु को लेकर जा रहा था तो ऊपर आसमान में उड़ती हुई चुनमुन चिड़िया ने उसे देख लिया। उसने तुरंत जाकर सभी जानवरों को इसकी खबर दी।

अधिकांश जानवरों ने एकमत से कहा "जाने दो उस बदमाश रोमु को शिकारी के साथ। कितना सताया है उसने हमें. अब उसे सबक मिलेगा।"

लेकिन गोलगप्पु बोला "माना रोमु बदमाश है, फिर भी है तो हमारा पड़ोसी। वो बुरा है तो हम क्यों बुरे बनें? हमें उसकी मदद करनी चाहिए।

सबने गोलगप्पु की बात मान ली और मिलकर रोमु को बचाने की योजना बनाने लगे।

योजना के अनुसार चंचु खरगोश और गोलगप्पु शिकारी को ललचाने के लिए उसके आगे आ गए।

उन्हें पकड़ने के लिए शिकारी ने रोमु का जाल जैसे ही नीचे रखा, झट से कुटकुट चूहे ने आकर जाल काट दिया और रोमु को आज़ाद कर दिया।

जैसे ही रोमु और कुटकुट वहाँ से भागे, चंचु और गोलगप्पु भी शिकारी को चकमा देकर तेजी से दौड़ते हुए जंगल में गायब हो गए।

जंगल मे जब रोमु बंदर सभी जानवरों से मिला तब उसकी आँखों में आँसू थे।रोमु ने रोते हुए सभी जानवरों से माफी मांगते हुए कहा "दोस्तों, आज मुसीबत में फँसकर मैंने सबक सीखा की खुद को सबसे होशियार नहीं समझना चाहिए और सबके साथ मिलकर रहना चाहिए। आप सब मुझे माफ़ कर दीजिए। अब मैं किसी को नहीं सताऊँगा।"

सभी जानवरों ने कहा "हमने गोलगप्पु के कहने पर तुम्हारी मदद की जबकि तुमने सबसे ज्यादा उसे ही सताया। अगर वो बोलेगा तब ही हम तुम्हें माफ करेंगे।"

रोमु ने गोलगप्पु की तरफ देखा। गोलगप्पु ने आगे बढ़कर उसे गले से लगा लिया।

ये देखकर बाकी जानवरों ने भी रोमु की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया।

कुछ दिनों के बाद जब शिकारी का डर पूरी तरह खत्म हो गया तब सभी जानवर अपने पुराने जंगल में लौट गए। उनके वापस आते ही एक बार फिर से जंगल में चारों ओर मंगल हो गया।


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