कथनी और करनी
कथनी और करनी
नेताजी ने पर्यावरण दिवस के दिन अनेक स्थानों पर अपने हाथों से पौधारोपण कार्यक्रम निपटाना था। कई छुटभैये नेताओं ने तो अपने नेताजी के साथ फोटो खिंचवाकर प्रेस में कवरेज का इंतजाम भी कर लिया था। पौधारोपण कार्यक्रम के अलावा शाम को वन अधिकारियों को भी संबोधित करना था।
शहर से दूर आयोजित आरक्षित वन में, वन विभाग की प्रगति पर नेताओं ने भाषण झाड़े, पर्यावरण को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने वृक्षारोपण पर संतोष व्यक्त किया। नेताजी जब वापस जाने लगे, तो साथ आई कारों का काफ़िला आगे बढ़ गया, तो नेताजी ने कार रोककर वन अधिकारी को पास बुलाया।
नेताजी बोले- सुनो अगले माह बिटिया का विवाह होना है, दहेज के सामानों की व्यवस्था आपको ही करना है। अधिकारी बोले- आप चिंता ना करियेगा, विवाह की सारी व्यवस्था हो जायेगी।
कार्यक्रम की समाप्ति के बाद, रात की स्याही में चार पेड़ धराशाही कर दिए गये।